Rasi D1 and Navamsa D9
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Sun in Different Houses in Astrology
In astrology, the 12 houses are symbolic of different facets of our lives. Each one is associated with a specific area, such as relationships, career, health, wellbeing, and spirituality. When the Sun is present in a particular house, it adds its own unique energy and influence to that area.Order Reports|For consultation
Here's a breakdown of the Sun's influence in each of the 12 houses:Choose the language to read below
सूर्य फल / SUN
सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गयी है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा एवं पिता का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य द्वारा ही सभी ग्रहों को प्रकाश प्राप्त होता है और ग्रहों की इनसे दूरी या नजदीकी उन्हें अस्त भी कर देती है. सूर्य सृष्टि को चलाने वाले प्रत्यक्ष देवता का रूप हैं. कुंडली में सूर्य को पूर्वजों का प्रतिनिधि भी माना जाता है. सूर्य पर किसी भी कुंडली में एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होने पर उस कुंडली में पितृ दोष का निर्माण हो जाता है. व्यक्ति की आजीविका में सूर्य सरकारी पद का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य प्रधान जातक कार्यक्षेत्र में कठोर अनुशासन अधिकारी, उच्च पद पर आसीन अधिकारी, प्रशासक, समय के साथ उन्नति करने वाला, निर्माता, कार्यो का निरीक्षण करने वाला बनता है. बारह राशियों में से सूर्य मेष, सिंह तथा धनु में स्थित होकर विशेष रूप से बलवान होता है तथा मेष राशि में सूर्य को उच्च का माना जाता है. मेष राशि के अतिरिक्त सूर्य सिंह राशि में स्थित होकर भी बली होते हैं. यदि जातक की कुंडली में सूर्य बलवान तथा किसी भी बुरे ग्रह के प्रभाव से रहित है तो जातक को जीवन में बहुत कुछ प्राप्त होता है और स्वास्थ्य उत्तम होता है. सूर्य बलवान होने से जातक शारीरिक तौर पर बहुत चुस्त-दुरुस्त होता है.
Sun In the First House
कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य शुभ फल देने वाला होता है. सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. पहला घर सूर्य का ही होता है, इसलिए सूर्य का इस घर में होना अत्यंत शभ फलदायक होता है. ऐसा जातक धार्मिक इमारतों या भवनों का निर्माण और सार्वजनिक उपयोग के लिए कुओं की खुदाई करवाता है. उसकी आजीविका का स्थाई स्रोत अधिकांशत: सरकारी होगा. ईमानदारी से कमाये गये धन में बृद्धि होगी. जातक अपनी आंखों देखी बातों पर ही विश्वास करेगा, कान से सुनी गयी बातों पर नहीं. यदि सूर्य अशुभ है तो जातक के पिता की मृत्यु बचपन में ही हो जाती है. पहले भाव का अशुभ सूर्य और पांचवें भाव का मंगल एक-एक कर संतान की मृत्यु का कारण होता है. उपाय : 1. जातक को 24 वर्ष से पहले ही शादी कर लेंनी चाहिए. 2. दिन के समय संबंध न बनाएं, इससे पत्नी बीमार रहेगी और मृत्यु भी हो सकती है. 3. अपने पैतृक घर में पानी के लिए एक हैंडपंप लगवाएं. 4. अपने घर के अंत में बाईं ओर एक छोटे और अंधेरे कमरे का निर्माण कराएं. 5. पति या पत्नी दोनों में से किसी एक को गुड़ खाना बंद कर देना चाहिए.
Sun In the Second House
कुंडली के दूसरे भाव का सूर्य यदि शुभ है तो जातक आत्मनिर्भर होगा, शिल्पकला में कुशल और माता-पिता, मामा, बहनों, बेटियो तथा ससुराल वालों का सहयोग करने वाला होगा. यदि चंद्रमा छठवें भाव में होगा तो दूसरे भाव का सूर्य और भी शुभ प्रभाव देगा. आठवें भाव का केतू जातक को अधिक ईमानदार बनाता है. नौवें भाव का राहू जातक को प्रसिद्ध कलाकार या चित्रकार बनता है. नवम भाव का केतू जातक को महान तकनीकी जानकार बनाता है. नवम भाव का मंगल जातक को फैशनेबल बनाता है. यदि सूर्य दूसरे, मंगल पहले और चंद्रमा बारहवें भाव में हो तो जातक की हालत गंभीर हो सकती है और वह हर तरीके से दयनीय होगा. यदि दूसरे भाव में सूर्य अशुभ हो तो आठवें भाव में स्थित मंगल जातक को लालची बनाता है. उपाय : 1. किसी धार्मिक स्थान में नारियल का तेल, सरसों का तेल और बादाम दान करें. 2. धन, संपत्ति, और महिलाओं से जुड़े विवादों से बचें. 3. दान लेने से बचें, विशेषकर चावल, चांदी, और दूध का दान नहीं लेना चाहिए.
Sun In the Third House
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य अगर शुभ है तो जातक अमीर, आत्मनिर्भर होगा और उसके कई छोटे भाई होंगे. जातक पर ईश्वरीय कृपा होगी और वह बौद्धिक व्यवसाय द्वारा लाभ कमाएगा. वह ज्योतिष और गणित में रुचि रखने वाला होगा. यदि तीसरे भाव में सूर्य अशुभ है और कुण्डली में चन्द्रमा भी अशुभ है तो जातक के घर में दिनदहाडे चोरी या डकैती हो सकती है. यदि पहला भाव पीडित है तो जातक के पडोसियों का विनाश हो सकता है. उपाय : 1. मां को खुश रखते हुए उसका आशिर्वाद लें. 2. दूसरों को चावल या दूध परोसें एवं गरीबों को दान दें. 3. सदाचारी रहें और बुरे कामों से बचने का प्रयास करें.
Sun In the Fourth House
चौथे भाव में यदि सूर्य शुभ है तो जातक बुद्धिमान, दयालु और अच्छा प्रशासक होगा. उसके पास आमदनी का स्थिर श्रोत होगा. ऐसा जातक मरने के बाद अपने वंशजों के लिए बहुत धन और बडी विरासत छोड जाता है. यदि चंद्रमा भी सूर्य के साथ चौथे भाव में स्थित है तो जातक किसी नये शोध के माध्यम से बहुत धन अर्जित करेगा. ऐसे में चौथे भाव या दसवें भाव का बुध जातक को प्रसिद्ध व्यापारी बनाता है. यदि सूर्य के साथ बृहस्पति भी चौथे भाव में स्थित है तो जातक सोने और चांदी के व्यापार से अच्छा मुनाफा कमाता है. यदि शनि सातवें भाव में हो तो जातक को रतौंधी या आंख से संबंधित अन्य रोग हो सकता है. यदि सूर्य चौथे भाव में पीडित हो और मंगल दसवें भाव में हो तो जातक की आंखों में दोष हो सकता है लेकिन उसकी किस्मत कमजोर नहीं होगी. उपाय : 1. जातक को चाहिए कि जरूरतमंद और अंधे लोगों को दान दें और खाना बांटें. 2. लोहे और लकड़ी के साथ जुड़ा व्यापार कदापी न करें. 3. सोने, चांदी और कपड़े से सम्बंधित व्यापार लाभकारी रहेंगे.
Sun In the Fifth House
यदि सूर्य पांचवें भाव में शुभ है तो निश्चित ही जातक के परिवार तथा बच्चों की प्रगति और समृद्धि होगी. यदि पांचवें भाव में कोई सूर्य का शत्रु ग्रह स्थित है तो जातक को सरकार जनित परेशानियों का सामना करना पडेगा. यदि मंगल पहले अथवा आठवें भाव में हो एवं राहू या केतू और शनि नौवें और बारहवें भाव में हो तो जातक राजसी जीवन जीता है. यदि गुरु नौवें या बारहवें भाव में स्थित है तो जातक के शत्रुओं का विनाश होगा लेकिन यह स्थिति जातक के बच्चों के लिए ठीक नहीं है. यदि पांचवें भाव का सूर्य अशुभ है और बृहस्पति दसवें भाव में है तो जातक की पत्नी जीवित नहीं रहती और चाहे जितने विवाह करें पत्नियां मरती जाएंगी. उपाय : 1. ऐसे जातक को संतान पैदा करने में देरी नहीं करनी चाहिए. 2. घर (मकान) के पूर्वी भाग में ही रसोई घर का निर्माण करें. 3. लगातार 43 दिनों तक सरसों के तेल की कुछ बूंदे जमीन पर गिराएं.
Sun In the Sixth House
यदि सूर्य छठे भाव में शुभ हो तो जातक भाग्यशाली, क्रोधी तथा सुंदर जीवनसाथी वाला होता है. यदि सूर्य छठे भाव में हो, चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति दूसरे भाव में हो तो परंपरा का निर्वाह करना फायदेमंद रहता है. यदि सूर्य छ्ठे भाव में हो और सातवें भाव में केतू या राहू हो तो जातक का एक पुत्र होगा और 48 सालों के भाग्योन्नति होगी. यदि दूसरे भाव में कोई भी ग्रह न हो तो जातक को जीवन के 22वें साल में सरकारी नौकरी मिलने के योग बनते हैं. यदि सूर्य अशुभ हो तो जातक के पुत्र और ननिहाल के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड सकता है. जातक का स्वास्थ भी ठीक नहीं रहेगा. उपाय : 1. कुल परम्परा और धार्मिक परम्पराओं कड़ाई से पालन करें अन्यथा परिवार की प्रगति और प्रसन्नता नष्ट हो जायेगी. 2. घर के आहाते (परिसर) में भूमिगत भट्टियों का निर्माण कदापि न करें. 3. रात में भोजन करने के बाद रसोई की आग और स्टोव आदि को दूध का छिड़काव करके बुझाएं. 4. अपने घर के परिसर में हमेशा गंगाजल रखें और बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं.
Sun In the Seventh House
सातवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ है और यदि बृहस्पति, मंगल अथवा चंद्रमा दूसरे भाव में है तो जातक सरकार में मंत्री जैसा पद प्राप्त करता है. बुध उच्च का हो या पांचवें भाव में हो अथवा सातवां भाव मंगल का हो तो जातक के पास आमदनी का अंतहीन श्रोत होगा. यदि सातवें भाव में स्थित सूर्य हानिकारक हो और बृहस्पति, शुक्र या कोई और अशुभ ग्रह ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो तथा बुध किसी भी भाव में नीच हो तो जातक की मौत किसी मुठभेड में परिवार के कई सदस्यों के साथ होती है. सातवें भाव में हानिकारक सूर्य हो और मंगल या शनि दूसरे या बारहवें भाव में स्थित हो तथा चंद्रमा पहले भाव में हो तो जातक को कुष्ट या ल्यूकोडर्मा जैसे चर्म रोग हो सकते हैं. उपाय : 1. ऐसे जातक नमक का उपयोग कम मात्रा में करें. 2. किसी भी काम को शुरू करने से पहले मीठा खाएं और उसके बाद पानी जरूर पियें. 3. भोजन करने से पहले रोटी का एक टुकड़ा रसोई घर की आग में डालें. 4. काली अथवा बिना सींग वाली गाय को पालें और उसकी सेवा करें, सफेद गाय ना पालें.
Sun In the Eighth House
आठवें भाव स्थित सूर्य यदि अनुकूल हो तो उम्र के 22वें वर्ष से सरकार का सहयोग मिलता है. ऐसा सूर्य जातक को सच्चा, पुण्य और राजा की तरह बनाता है. कोई उसे नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होता. यदि आठवें भाव स्थित सूर्य अनुकूल न हो तो दूसरे भाव में स्थित बुध आर्थिक संकट पैदा करेगा. जातक अस्थिर स्वभाव, अधीर और अस्वस्थ्य रहेगा. ऐसा जातक ईमानदार होता है किसी की भी बातों में आ जाता है, जिससे कभी-कभी उसे नुकसान भी होता है. उपाय : 1. ऐसे जातक को चाहिए कि वह घर में कभी भी सफेद कपड़े न रखे. 2. जातक का घर दक्षिण मुखी न हो. उत्तरमुखी घर अत्यधिक फायदे पहुंचाने वाला हो सकता है. 3. हमेशा किसी भी नये काम को शुरू करने से पहले मीठा खाकर पानी पिना फायदेमंद होगा. 4. यदि संभव हो तो किसी जलती हुई चिता में तांबे के सिक्के डालें और बहती नदी में गुड़ बहाएं.
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Planet's Positions
Sun In the Ninth House
नवमें भाव स्थित सूर्य यदि अनुकूल हो तो जातक भाग्यशाली, अच्छे स्वभाव वाला, अच्छे पारिवारिक जीवन वाला और हमेशा दूसरों की मदद करने वाला होगा. यदि बुध पांचवें घर में होगा तो जातक का भाग्योदय 34 साल के बाद होगा. यदि नवें भाव स्थित सूर्य अनुकूल न हो तो जातक बुरा और अपने भाइयों के द्वारा परेशान किया जाएगा. सरकार से अरुचि और प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है. ऐसा जातक भाई के साथ सुखी नहीं रहेगा. उपाय : 1. उपहार या दान के रूप में चांदी की वस्तुएं कभी स्वीकार न करें. अपितु चांदी की वस्तुएं दान करें. 2. ऐसे जातक को पैतृक बर्तन और पीतल के बर्तन नहीं बेचना चाहिए. 3. अत्यधिक क्रोध और अत्यधिक कोमलता से बचें रहना चाहिए.
Sun In the Tenth House
दसवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ हो तो सरकार से लाभ और सहयोग मिल सकता है. जातक का स्वास्थ्य अच्छा और वह आर्थिक रूप से मजबूत होगा. जातक को सरकारी नौकरी, वाहनों और कर्मचारियों का सुख मिलता रहेगा. ऐसा जातक हमेशा दूसरों पर शक करता है. यदि दसवें भाव में स्थित सूर्य हानिकारक हो और शनि चौथे भाव में हो तो जातक के पिता की मृत्यु बचपन में हो जाती है. सूर्य दसवें भाव में हो और चंद्रमा पांचवें घर में हो तो जातक की आयु कम होगी. यदि चौथे भाव में कोई ग्रह न हों तो जातक सरकारी सहयोग और लाभ से वंचित रह जाएगा. उपाय : 1. ऐसे जातक को चाहिए कि कभी भी काले और नीले कपड़े न पहनें. 2. किसी नदी या नहर में लगातार 43 दिनों तक तांबें का एक सिक्का डालना अत्यंत शुभ फल देगा. 3. जातक का मांस मदिरा के सेवन से बचें रहना फायदेमंद होगा.
Sun In the Eleventh House
यदि ग्यारहवें भाव में स्थित सूर्य शुभ है तो जातक शाकाहारी और परिवार का मुखिया होगा. जातक के तीन बेटे होंगे औए उसे सरकार से लाभ मिलेगा. ग्यारहवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ नहीं है और चंद्रमा पांचवें भाव में है और सूर्य पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि न हो तो यह जातक की आयु को कम करने वाली होती है. उपाय : 1. ऐसे जातक को चाहिए कि वह मांसहार और शराब के सेवन से बचे. 2. जातक को रात में सोते समय बिस्तर के सिरहने बादाम या मूली रखकर सोना चाहिए. 3. दूसरे दिन उस बादाम या मूली को मंदिर में दान करने से आयु और संतान सुख मिलता है.
Sun In the Twelveth House
यदि बारहवें भाव में स्थित सूर्य शुभ हो तो जातक 24 साल के बाद अच्छा धन कमाएगा और जातक का पारिवारिक जीवन अच्छा बितेगा. यदि शुक्र और बुध एक साथ हो तो जातक को व्यापार से लाभ मिलता है और जातक के पास आमदनी के नियमित स्रोत होते हैं. यदि बारहवें भाव का सूर्य अशुभ हो तो जातक अवसाद ग्रस्त, मशीनरी से आर्थिक हानि उठाने वाला और सरकार द्वारा दंडित किया जाने वाला होगा. यदि पहले भाव में कोई और पाप ग्रह हो तो जातक को रात में चैन की नींद नहीं आएगी. उपाय : 1. जातक को हमेशा अपने घर में एक आंगन रखना चाहिए. 2. ऐसे जातक को चाहिए कि वह हमेशा धार्मिक और सच्चा बने. 3. ऐसे जातक को अपने घर में एक चक्की रखना चाहिए. 4. अपने दुश्मनों को हमेशा क्षमा करें.
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