Rasi D1 and Navamsa D9
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Moon in Different Houses in Astrology
In astrology, the 12 houses are symbolic of different facets of our lives. Each one is associated with a specific area, such as relationships, career, health, wellbeing, and spirituality. When the Moon is present in a particular house, it adds its own unique energy and influence to that area.Order Reports|For consultation
Here's a breakdown of the Moon's influence in each of the 12 houses:Choose the language to read below
चंद्रमा / Moon
जिस प्रकार मन के बिना हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते उसी तरह से चन्द्रमा के बिना ज्योतिष शास्त्र अधूरा है। चंद्र राशि के आधार पर ज्योतिषी किसी भी जातक के भविष्य फल कहते है। ज्योतिष में जिस प्रकार सूर्य राजा है उसी प्रकार चंद्रमा रानी है। चंद्रमा वस्तुतः हमारे मन और भावना का प्रतीक है। चन्द्रमा का अपना घर कर्क राशि है तथा वृष राशि में चन्द्रमा उच्च का होता है। चन्द्रमा का स्वभाव बहुत ही संवेदनशील है। इस ग्रह की प्रकृति ठंढी है। ज्योतिष में चन्द्रमा निम्न विषयो का कारक होता है मन,जल, गर्भाधान,शिशु अवस्था, व्यवहार, उत्तर पश्चिम दिशा, माता, दूध, और मानसिक शांति, विदेश यात्रा इत्यादि का कारक है।
Moon In the First House
चन्द्रमा प्रथम भाव में | Moon in First House में हो तो व्यक्ति पराक्रमी और राजवैभव को प्राप्त करनेवाला होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही भावुक और संवेदनशील होता है। व्यक्ति सुन्दर और चंचल होता है। व्यक्ति में सृजनात्मक तथा रचनात्मक कार्यों मे विशेष रूप से रुचि होती है। प्रथम भाव का चन्द्रमा व्यक्ति को कल्पनाशील बना देता है। चन्द्रमा प्रथम भाव में (Moon in first house) जातक घूमने फिरने का शौक़ीन होता है। वह अपने जीवन काल में अनेक यात्रायें करता है। विदेश यात्रा भी करता है। यदि व्यक्ति गांव का रहने वाला है तो अपने देश के ही बड़े नगर की यात्रा अवश्य ही करता है। चन्द्रमा यदि द्विस्वभाव राशि में हो तो ऊपर लिखा फल अवश्य ही मिलता है। क्योकि ऐसा जातक प्रवासी, अस्थिर बुद्धि, विलासी, शान्त, दयालु मिलनसार स्वभाव का, मोहक, उदार और सज्जन होता है। यह स्त्रियों और मित्रों का प्यारा होता है। ऐसा ब्यक्ति सामाजिक कार्यो में रूचि लेता है। और बहुजन समाज में विशेषतः नीच वर्ग के लोगो में इसे अच्छा सम्मान मिलता है। चन्द्रमा प्रथम भाव में (Moon in first house) हो तो जातक को जल/पानी से डर लगता है और उसे पानी जैसे नदी, तालाब समुद्र आदि से बचकर रहना चाहिए। ऐसे जातक को रोग से भी बहुत डर लगता है। इस भाव का चन्द्रमा यदि बलवान हो तो व्यक्ति बहुत ही चतुर और धूर्त होता है। इसे स्त्री /पत्नी वियोग भी सहन करना पड़ सकता है। राशि के अनुसार चन्द्र फल | Moon result according to sign चन्द्रमा प्रथम भाव में (Moon in first house) यदि कर्क,वृष, अथवा मेष राशि में हो तो मनुष्य चतुर, रूपवान, कामी,धनी, ऐश्वर्य से युक्त तथा भोग भोगनेवाला होता है। अन्य राशियों में हो तो व्यक्ति मुर्ख,रोगी तथा निर्धन होता है। इसे पशुओ से चोट लगने का भय होता है। ऐसे जातक को खासी, श्वासरोग तथा वातरोग होने की प्रबल सम्भावना होती है।
Moon In the Second House
Moon in second house – चन्द्रमा दूसरे भाव में हो तो उसके घर में लक्ष्मी का वास होता है। इस स्थान में चन्द्रमा धन-धान्य की वृद्धि करता है। ऐसा जातक /जातिका सुन्दर नेत्रों वाला/ वाली होती है। ऐसे जातक की विशेष रूप से स्त्रियों में आसक्ति होती है। स्त्रियों के साथ विलास करता है। कहा जाता है की उसके घर में प्रसन्नतापूर्वक लक्ष्मी स्वयं आकर निवास करती है। चन्द्रमा द्वितीय भाव में धन सुख देता है (Moon in second house gives wealth) लग्न से द्वितीय भाव / स्थान को धन स्थान (House of Wealth) कहा जाता है अतः यदि चन्द्रमा यहाँ उच्च का या शुभ भाव का स्वामी होकर स्थित है तो अवश्य ही आप धनवान होंगे इसमें संदेह नहीं। चन्द्रमा अधिकांश मामलों में लाभ देता है। आपकी आय अच्छी होगी साथ ही आप धन की बचत करने में भी रूचि रख पाएंगे। परन्तु यह सब कुंडली चन्द्रमा के स्थिति पर निर्भर करेगा यदि चन्द्रमा अशुभ ग्रहो से युक्त होगा तो चन्द्रमा के फल में कमी होगी। मनुष्य की आर्थिक स्थिति में समय-समय पर उतार-चढाव भी सम्भव है। ऐसे जातक का परिवार बड़ा हो सकता है। चन्द्रमा द्वितीय भाव में (Moon in second house) वाणी तथा नेत्र दोष दे सकता है। यदि चन्द्रमा ठीक स्थिति में नहीं हो तो उसकी प्राथमिक शिक्षा (Primary Education) में कुछ व्यवधान हो सकता है इसका मुख्य कारण है कि दूसरा भाव प्राथमिक शिक्षा का भी भाव है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि चन्द्रमा यदि षष्ठ भाव, अष्टम भाव तथा बारहवें भाव का स्वामी होकर द्वितीय भाव में स्थित है तो जातक को वाणी तथा नेत्र दोष (Eyes Problem) देता है। यही नहीं इस स्थिति में पारिवारिक क्लेश भी देने समर्थ है। राशि के अनुसार चन्द्रमा का फल (Moon result according to Sign) यदि चन्द्रमा द्वितीय भाव में (Moon in second house) वृश्चिक या मकर राशि में हो तो अच्छा फल नहीं मिलता है। ऐसे जातक को धन सुख में कमी होती है। निस्तेज होता है। स्वभाव से ही खर्चीला होता है। बार-बार नुकसान के अवसर आते रहते हैं। वृश्चिक राशि में चन्द्रमा नीच का होता है ऐसा जातक अपना नुक्सान स्वयं के किसी गलत निर्णय लेने के कारण करता है। अतः कोई भी निर्णय बड़ी ही समझबूझकर लेना चाहिए। यदि चन्द्रमा अमावस्या का है तो अपने जीवन काल में किसी न किसी समय अवश्य ही धन के मामले में तकलीफ करना पड़ेगा। यदि चन्द्रमा वृष अथवा कर्क राशि का हो तो धन की प्राप्ति होती है। विदेश जाने से भाग्योदय होता है (Fortune through foreign travel) यदि चन्द्रमा द्वितीय भाव में (Moon in second house) है और चन्द्रमा का फल अच्छा नहीं मिल रहा है तो ऐसे जातक को विदेश (Foreign) प्रवास करना चाहिए। यदि जातक विदेश में जाता है तो उसका भाग्योदय अवश्य होगा। यही नहीं सार्वजानिक संस्थाओं (Public Organization) के सम्बन्ध से भी भाग्योदय होता है। ऐसे व्यक्ति को किसी न किसी NGO से जुड़कर अवश्य ही रहना चाहिए।
Moon In the Third House
Moon in Third House – तृतीय भाव में चन्द्रमा होने पर व्यक्ति अपने पराक्रम से धन लाभ प्राप्त करता है। उसे अपने भाई बंधुओ से अधिक सुख मिलता है। उसकी प्रवृत्ति धार्मिक कार्यो में होती है। संसार में उसका आदर सम्मान होता है। उसके अंदर कलात्मक गुण होता है। तृतीय भाव में चन्द्रमा (Moon in Third House) व्यक्ति को जिज्ञासु बनाता है। वह सभी विषय वस्तु की जानकारी रखने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति बिना किसी कारण के खर्च नहीं करना चाहता है। बचत करना उसका स्वाभाविक गुण होता है। अपने शान-शौकत के लिए खर्च करने में कोई संकोच भी नहीं होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही शौक़ीन होता है और इनका शौक भी परिवर्तनशील होता है। यही नहीं यदि व्यवसायी (Business Man) है तो व्यवसाय में भी बार-बार परिवर्तन होता रहता है। तृतीय भाव में चन्द्रमा यात्रा सुख देता है (Moon in third house gives journey) यदि तृतीय भाव में चन्द्रमा (Moon in Third House) हो तो आपको यात्राएं बहुत पसंद होंगी यानि यात्रा आपके जीवन का एक हिस्सा बन जाता है। इसका मुख्य कारण है की तीसरा भाव छोटी यात्रा का भाव है और चन्द्रमा इस स्थान में बैठकर भाग्य स्थान को देखता है अर्थात अपने भाग्य वृद्धि के लिए व्यक्ति छोटी-छोटी यात्रा अवश्य करेगा यह अनुभवजन्य है। ऐसा व्यक्ति लोक प्रसिद्धि पाने के लिए भी प्रयासरत रहता है। यही नहीं यह समाज को दिखाना चाहता है कि मैं भी कुछ हूँ अर्थात हम किसी से कम क्यों बेशक इसके लिए आपको खर्च ही करना पड़े। ऐसा व्यक्ति हमेशा कुछ नया करना चाहता है। भविष्य के लिए योजनाए बनाना तो इनके लिए बायें हाथ का खेल है। इनमें एक कमी (वीकनेस) होती है ऐसा व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे के सामने सही तरीके से रखने में समर्थ नहीं हो पाता है। तृतीय भाव में चन्द्रमा भाई-बहन का सुख देता है।(Moon in Third House donate brother-sister happiness) यदि चन्द्रमा तृतीय भाव में है तो जातक को भाई-बहन का सुख अवश्य ही मिलता है। मंत्रेश्वर के अनुसार भी — सहोत्थे सभ्रातृ परमदबलशौर्य अति कृपणः। अर्थात जिसके जन्मलग्न से तीसरे स्थान में चद्रमा हो वह मनुष्य भाई-बंधुओ से युक्त होता है। यह मनुष्य मद-युक्त, बलवान और वीर होता है। परन्तु कृपण भी होता है। पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छा रहता है और उनसे लाभ भी मिलता है। जीवन काल के 28 वें वर्ष से कीर्ति और प्रसिद्धि प्रारम्भ होने लगती है। तृतीय भावस्थ चन्द्र का राशि अनुसार फल (Result according to Sign) यदि तृतीय भाव में चन्द्रमा पापग्रह ( मंगल,शनि,राहु और केतु) की राशि में हो तो मनुष्य बहुत बोलने वाला होता है अर्थात अनर्थक बक-बक करनेवाला होता है। भाई-बंधुओ को हानि भी पहुँचाने में समर्थ होता है। चन्द्रमा यदि शुभ ग्रह ( गुरु, चन्द्र, शुक्र, बुध) की राशि में हो तो मनुष्य सर्व सुख भोगने वाला होता है। और यदि चन्द्रमा उच्च का ( वृष राशि) हो या अपनी ही राशि(कर्क) का हो तो व्यक्ति सभी प्रकार से धन-धान्य से परिपूर्ण होता है। वह काव्य शास्त्र में रूचि लेने वाला होता है।
Moon In the Fourth House
चतुर्थ भाव में चन्द्रमा “ होने पर व्यक्ति को पुत्र, स्त्री, धन और विद्वान होने का सुख प्राप्त होता है। ऐसे व्यक्ति का सर्वत्र गुणगान होता है। समाज में मान-सम्मान मिलता है। ऐसा मनुष्य दान देने में विशवास रखता है और समय-समय पर दान देते रहता है। सभी प्रकार के भोग को प्राप्त करने वाला होता है। इसके अच्छे मित्र होते है। ऐसे जातक को वाहन सुख मिलता है। कहा गया है — सुखी भोगी त्यागी सुहृदि सुहृद वाहनायशाः। जिस व्यक्ति के कुंडली के चतुर्थ भाव में चन्द्रमा (Moon in Fourth House) स्थित है वह सरकार में मंत्री (Minister) पद या सरकारी नौकरी (Govt Job) करता है मंत्री या नौकरी चन्द्रमा की अवस्था के ऊपर निर्भर करेगा। ऐसा जातक स्वभाव से दयालु, परोपकारी और भावुक होता है। उसमे आत्मविश्वास तथा संतोष कुछ अधिक होता है। चतुर्थ भाव में चन्द्रमा व्यक्ति को मातृ भक्त बनाता है। ऐसा जातक मातृभक्त होता है माता से उसे संपत्ति प्राप्त होती है तथा माता के कारण ही उसका भाग्योदय भी होता है अतः जिस भी जातक के कुंडली में चन्द्रमा चतुर्थ भाव में हो उसे अपनी माता को देवी मानकर प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी भी कार्य करने से पहले माता का आशीर्वाद लेना न भूलें। माता के आशीर्वाद से आपके बिगड़ते काम बन जाएंगे। अपनी माता का दिल कभी भी नही दुखाना चाहिए। चतुर्थस्थ चन्द्रमा राजनीतिज्ञ बनाता है(Moon makes politician) चतुर्थ चन्द्रमा व्यक्ति को राजनीति में कुशल बनाता है। इसलिए यदि आप राजनीति जीवन व्यतीत करना चाहते है तो आप राजनीती का चयन कर सकते है। इसका मूल कारण है कि किस समय क्या करना है या किस व्यक्ति से क्या काम लेना है आप बखूबी समझते हैं। देश, काल और परिस्थिति को समझने में दूसरे आपकी बराबरी नहीं कर पाते है। व्यवसाय की दृष्टि से चतुर्थ भाव में चन्द्रमा (Moon in Fourth House and Profession) जिस मनुष्य के जन्म लग्न से चतुर्थ भाव में चन्द्रमा हो और वह व्यक्ति यदि जल से संबंधित कोई कार्य करता है तो वह अचूक धन सम्पत्ति कमाता है। समुद्री व्यापार से अर्थात जहाजो के द्वारा माल लेजाकर दूसरे देश में बेचकर धन कमाता है। ऐसे व्यक्ति को आयात -निर्यात का कार्य करना चाहिए। ऐसा जातक रत्नो के कारोबार से भी बहुत धन कमाता है। चतुर्थ भाव में स्थित चन्द्रमा का राशि के अनुसार फल। यदि चतुर्थ भाव में चन्द्रमा वृष राशि का है तो वैसे जातक को ससुराल से धन संपत्ति मिलता है। ऐसे जातक का भाग्योदय विवाह के बाद होता है। यदि चन्द्रमा मेष,सिंह,धनु, (पुरुष राशि या अग्नि तत्त्व) में हो तो पैतृक सम्पत्ति नहीं मिलती या उसे किसी कारणवश छोड़ना पड़ता है या जितना मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता है। हाँ परन्तु व्यक्ति स्वयं के पुरुषार्थ से धन अर्जन कर लेता है अतः ऐसे जातक को पैतृक संपत्ति (Paternal wealth) का लालच नहीं करना चाहिए मिल गया तो ठीक है नहीं तो बहुत अच्छा ऐसा मानकर पारिवारिक सम्बन्ध बनाये रखना चाहिए। यदि पुरुष राशि में चन्द्रमा हो तो व्यक्ति “नया घर (New House) अवश्य बनवाता है”।
Moon In the Fifth House
पंचम भाव में चंद्रमा संतान सुख देता है। आपके बच्चे आपको ख़ुशी प्रदान करेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। आपको कन्या संतान का सुख अवश्य मिलेगा। आप अपने बच्चो तथा पत्नी से अत्यधिक प्यार करेंगे। आप विशेष रूप से तेजस्वी और बलवान होंगे। सभी कार्यो के प्रति सावधान रहना तो कोई आप से सीखे। यदि चन्द्रमा शुभ स्थिति में है तो आप उत्तम आचरण वाले होंगे। आप बहुत ही खुश मिजाज इंसान होंगे। प्रेम करना तो कोई आप से सीखे। कहा जाय कि आप प्रेम के पुजारी है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मौज मस्ती करना तो आपके स्वभाव में ही है। आप बुद्धिमान होने के साथ-साथ साहसी भी होंगे। पंचम भाव में(Moon in Fifth House) चन्द्रमा धन सुख देता है। जिस मनुष्य के जन्म लग्न से पंचम स्थान में चद्रमा होता है वह जितेन्द्रिय, सत्य बोलने वाला, सदैव प्रसन्न रहने वाला होता है। वह विविध वस्तुओ को संग्रह करने का शौक़ीन होता है। इसे धन तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है। कहा गया है — जितेन्द्रियः सत्यवचः प्रसन्नो धनात्म्जाव्वप्त समस्तसौख्यः। सुसंग्रही स्यान मनुजः सुशीलः प्रसूतिकालेतान्यालायाब्जे।। अशुभ चन्द्रमा डिप्रेशन अथवा मानसिक रोग देता है। पंचम भाव का चन्द्रमा यदि पाप प्रभाव में हो तो जातक दुष्ट बुद्धि वाला होता है। कोई भी कार्य बिना रुकावट के नहीं होती। ऐसा व्यक्ति जिद्दी स्वभाव का हो जाता है। निराशावादी हो जाता है। नकारात्मक विचारो के कारण कभी-कभी मानसिक रोग का भी शिकार हो जाता है। डिप्रेशन की समस्या भी आ जाती है। परन्तु यह सब तभी होगा जब चन्द्रमा का अशुभ ग्रहो के साथ युति हो या अशुभ ग्रहो की दृष्टि हो। पंचम भाव में चन्द्रमा (Moon in Fifth House) का राशि के अनुसार फल यदि द्विस्वभाव राशि में चन्द्रमा है तो कन्या संतान अधिक होती है। यदि चन्द्रमा वायव्य तत्त्वीय राशि में है तो पुत्र सुख में कमी होती है। चन्द्रमा यहाँ जुड़वा संतान भी देती है। यदि चन्द्रमा पृथिवी तत्त्व राशि में है तो जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है और यदि अग्नि तत्व राशि में चन्द्रमा है तो शिक्षा अधूरी रह जाती है। वायु तत्व राशि में चन्द्रमा है तो जातक कम बोलने तथा अधिक कार्य करने में विशवास रखता है। जातक की पत्नी रूपवान तथा गुणवान होती है।
Moon In the Sixth House
षष्ठ भाव में स्थित चन्द्रमा वाले व्यक्ति सेवक के रूप में कार्य करते हैं। यहाँ स्थित चन्द्रमा बहुत अच्छा फल नहीं दे पाता है इसका मुख्य कारण है की षष्ठ भाव रोग, ऋण,रिपु, लड़ाई-झगड़ा इत्यादि का भाव है। माता के साथ इनका संबंध सामान्य रहता है यदि माता रोग दुख या किसी अन्य कारण से परेशान हैं तो छठे भाव में स्थित चन्द्रमा वाला व्यक्ति इससे बहुत ही दुखी होता है और यथा शीघ्र अपनी माता की परेशानियों को दूर करने का प्रयास भी करता है। छठे भाव में स्थित चन्द्रमा (Moon in Sixth House) व्यक्ति को मानसिक संताप देने में समर्थ होता है। ऐसा व्यक्ति हमेशा कुछ न कुछ सोचते रहता है और इसी कारण इनके चेहरे पर चिन्ता की झलक स्पष्ट रूप से दृष्टिगत होती रहती है। ऐसा व्यक्ति बाहर से सख्त दिखने का प्रयास करता है परन्तु भीतर से बहुत ही भावुक (Emotional) होते है। यही नहीं समाज तथा परिवार में हो रहे सामाजिक विषमताओं के प्रति भी अत्यंत ही संवेदनशील होते है किन्तु आवाज़ उठाने में कतराते हैं। न्याय की बात तो करते हैं परन्तु न्याय के लिए लड़ना पसंद नही है। इस स्थान का चन्द्रमा वाला व्यक्ति अपने कार्य से कभी भी सन्तुष्ट नहीं होता यदि व्यक्ति नौकरी करता है तो बार-बार नौकरी में बदलाव चाहता है और करता भी है। आप अचानक कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं यदि कोई निर्णय लेना है तो आप अपने इष्ट मित्रों से पूछने के बाद ही कोई फैसला कर पाते है। आप अपने शत्रुओं की पहचान बड़े आसानी कर लेते हैं। षष्ठ भावस्थ चन्द्रमा और व्यवसाय (Business if Moon in Sixth House) यदि षष्ठ में चन्द्रमा का सम्बन्ध लग्नेश तथा कर्मेश से सम्बन्ध बनता है तो जातक एक अच्छा डॉक्टर (Doctor) बन सकता है। यदि किसी डॉक्टर की कुंडली में इस भाव में चन्द्रमा है तो वह मान-सम्मान और यश को अवश्य ही प्राप्त करता है। ऐसा लगता है जैसे डॉक्टर न हो भगवान ही है। आप एक अच्छे समाज सेवक (Social worker) बन सकते हैं। सामाजिक कार्यक्रम में आपको बहुत ही मन लगता है। यदि कोई भाई-बंधु किसी काम के लिए कहता है तो आप मना नहीं कर पाते है। इस स्थान में अशुभ चन्द्रमा है तो आप कर्जे को लेकर परेशान रह सकते हैं। सामान्यत: ऐसे व्यक्ति कर्ज़ लेकर कोई काम करने में विश्वास भी नहीं रखता है। छठे भाव का चन्द्रमा ( Moon in Sixth house)और स्वास्थ्य ऐसा व्यक्ति हमेशा पेट (Stomach) से संबंधित शिकायत से परेशान रहता है। पेट में जलन तथा अनपच होना तो इनके लिए आम बात है। आंखों(Eyes) की बीमारी से भी परेशान हो सकते है खासकर आंखों की पुतली का सिकुड़ जाना या आंखों में दर्द इत्यादि। आँखो के कारण सिर दर्द की भी शिकायत होने लगती है।
Moon In the Seventh House
सप्तम भाव में स्थित चन्द्रमा विदेश यात्रा कराता है। यदि आप विदेश जाने की इच्छा रखते हैं तो अत्यल्प प्रयास से ही आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है। सप्तम भाव का चन्द्रमा यहाँ बैठकर कुंडली में यात्रा योग बनाता है इसी कारण आपको यात्रा करना भी अच्छा लगने लगता है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो आपको किसी न किसी कार्यवश भी हमेशा यात्रा करना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्ति को अपने जन्म स्थान से दूर रहना पड़ता है। ऐसा जातक रतिक्रिया में प्रवीण होता है तथा परस्त्रीगामी भी होता है। यदि चन्द्रमा बली है तो दो स्त्रियों का सुख भी मिलता है।यदि पूर्ण बली चन्द्रमा इस भाव /स्थान में है तो व्यक्ति स्वयं भी सुन्दर होता है और उसकी पत्नी/जीवनसाथी भी सुन्दर होती है। ये बहुत जल्द ही वैवाहिक बंधन में बंध जाते है। जिस व्यक्ति के जन्म समय में जन्म लग्न से सप्तम भाव में चन्द्रमा हो तो वह नम्र और मीठी वाणी बोलने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति दयालु प्रवृत्ति का होता है। ऐसे व्यक्ति कंजूस होते हैं। वह पैसा खर्च करना नहीं चाहता है। इनकी वाणी(Sound) में गंभीरता होती है। वालों में नेतृत्व करने की क्षमता होती है।आप बहुत ही सुसंस्कृत तथा सुसभ्य हैं और इसी श्रेणी के लोगों के साथ रहना पसंद भी करते हैं। आप पहले परेशान हो जाते हैं उसके बाद अपने धैर्य का परिचय देते हैं। मेरी सलाह है कि आप हमेशा धैर्यवान बनें रहिए। सप्तम भाव में स्थित चन्द्रमा और स्वास्थ्य (Moon in seventh house and Health) सप्तम स्थान में स्थित चन्द्रमा यदि स्त्री राशि का हो तो कफ, सांस के रोग और रक्त दूषित होता है। प्रायः इनको दिन में एक ही नासिका से सांस लेना पड़ता है। भोजन के बाद रात को सांस बंद होना या नाक बंद होना तो इनके लिए आम बात है। बहुत प्रयत्न से थक जाने पर निराशा आशा में परिणत होती है। इस स्थान में चन्द्र होने से व्यक्ति को किसी अवयव में रोग हो तो वह बहुत दिनों तक स्थायी रहता है। सप्तम भाव में स्थित चन्द्रमा और व्यवसाय (Moon in seventh house and profession) आप एक व्यवसायी व्यक्ति हैं आपको व्यापार में सफलता भी मिलेगी। जिस जातक के सप्तम में चन्द्र हो वह व्यक्ति यदि किराने की दुकान, दुध की, दवाइयों की, मसाले की या अनाज का व्यापार करें तो लाभ होगा। यही नहीं होटल, बेकरी, इन्श्योरेंस या कमीशन एजेंट का काम करें तो लाभ मिलेगा। आप साझेदारी में व्यवसाय कर सकते हैं। परन्तु साझेदारी में भी आप हमेशा परिवर्तन की तलाश में रहते हैं। वैसे भी जिस प्रकार आपको एक स्थान पर ज्यादा दिन तक रूकना पसंद नहीं है उसी प्रकार आप एक ही व्यवसाय पर आश्रित नहीं रहना चाहते। आप वकील (Lawer) बन सकते हैं अत: व्यवसाय के रूप में वकालत को अपना सकते हैं। किसी कम्पनी में आप मार्केटिंग का काम कर सकते हैं और इस कार्य में आप बहुत ही उन्नति कर सकते हैं साथ ही मान सम्मान भी मिल सकेगा।
Moon In the Eighth House
अष्टम भाव में चन्द्रफल अशुभ माना गया है। यदि आपकी जन्म कुंडली में चन्द्रमा आठवें भाव में है तो आप जन्म समय से ही कोई न कोई रोग से परेशान रह सकते हैं। इसका मुख्य कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में अष्टम भाव छिद्र भाव, मृत्यु भाव तथा बाधा उत्पन्न करने वाला भाव माना गया है। अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा और स्वास्थ्य (Moon in Eighth house and Health) अष्टम का चन्द्रमा नेत्र (Eyes) का रोग देता है। शीतज्वर की पीड़ा से भी परेशान होता है। शरीर में वायु प्रधान रोग होने के भी सम्भनाये बनी रहती है। यदि अशुभ ग्रहों के प्रभाव में भी चन्द्रमा है तो व्यक्ति को मूर्छा रोग होता है। परन्तु यह अनुभव में आया है कि यदि अमावस्या का जन्म है तो यह रोग अवश्य ही होता है। कई बार यह भी देखा गया है कि यदि मूर्च्छा रोग से पीड़ित नहीं है तो उस जातक के अंदर गुस्सा (Angry)बहुत होता है कभी कभी गुस्सा में ही मूर्च्छा वाला रूप दिखाई देने लगता है। अष्टम भाव में चन्द्रमा (Moon in Eighth House यदि शुभ ग्रहों यथा गुरु, बुध या शुक्र के द्रेष्काण में हे चन्द्रमा मृत्यु से रक्षा करता है। अत: यह स्पष्ट है कि अष्टम चन्द्र न केवल जीवन लेता है बल्कि जीवन प्रदान भी करता है। राशि के अनुसार चन्द्रफल ( Chandrafal according to Sign) यदि चन्द्रमा मेष,सिंह तथा धनु राशि में हो तो व्यक्ति को किसी न किसी रुप में धन का लाभ होता है। मिथुन तुला अथवा कुम्भ में चन्द्र हो तो जातक की पत्नी अच्छी मिलती है। उपर्युक्त सभी राशियों में स्थित चन्द्र होने से दाम्पत्य जीवन में नोकझोक चलती रहती है जिसके कारण जातक परेशान रहता है। कर्क, वृश्चिक और मीन का चन्द्रमा हो तो मनुष्य योग अभ्यास करने वाला, उपासक तथा वेद वेदान्त (आध्यात्म) में रूचि रखने वाला होता है। विशेष (Special) जातक को वाहन का सुख मिलता है। यदि चन्द्रमा अपने उच्च राशि में है तो दीर्घायु होता है। कई बार ऐसा अनुभव में आया है कि व्यक्ति को स्त्री के कारण अपने बंधू बांधव का त्याग करना पड़ता है या उनसे अनबन होता है। ऐसे व्यक्ति को नदी, तालाब, कुआ आदि से बचकर रहना चाहिए मृत्यु भय होता है। यदि ऐसा जातक बुद्धि-युक्त कार्य करता है तो सफलता मिलती है।
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Planet's Positions
Moon In the Ninth House
नवम भाव में चन्द्रफल। यदि आपके जन्म कुंडली में नवम भाव में चंद्रमा स्थित है तो आप भाग्यनिर्माता, लोकप्रिय, धार्मिक, विद्वान और साहसी होंगे। आप भाग्यशाली तो होंगे परन्तु यह मत भूलिए की भाग्य स्वयं ही आपके पास आएगा आपको स्वयं ही अपने भाग्य का निर्माण करना पड़ेगा क्योंकि आप भाग्यशाली नहीं हैं आप तो भाग्यनिर्माता हैं हमेशा इस बात का ध्यान रखें सफलता आपके कदम चूमेगी। चन्द्रमा नवम भाव में (Moon in Ninth House) और आपका मनोविज्ञान आप में कुछ विशेष कार्य करने की क्षमता है अत: अपनी क्षमता को अवश्य पहचाने सब कुछ आपके पास होगा। आप एक आध्यात्मिक व्यक्ति है धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि है और हमेशा धर्म का समर्थन देने वाले व्यक्ति हैं। दान पुण्य जैसे कार्यों के प्रति आपकी पूरी आस्था है। दान-पुण्य से से आपके कार्य का विस्तार होगा। कुछ हद तक आप जिद्दी स्वभाव के व्यक्ति हैं। आप हमेशा न्याय के पक्ष लेते हैं। आप कर्मठ व्यक्ति हैं और आप गीता के कर्मण्येवाधिकारस्ते सिद्धांत के पक्षधर हैं। कर्म की प्रधानता को आप बखुबी जानते हैं। आपका कर्म सिद्धांत युवा अवस्था से ही शुरू हो जाएगा। उम्र के 22 वें वर्ष के बाद से ही आपकी भाग्योन्नति शुरु हो जाएगी। आप जहाँ भी कार्य करेंगे येन केन प्रकारेण, देर सबेर सम्मान मिलेगा। आप न केवल लोगों के द्वारा सम्मानित होंगें बल्कि सरकार या सरकार से जुडा कोई सम्मानीय व्यक्ति आपको सम्मानित कर सकता है। आप अपने माता-पिता के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं। आपके बच्चे लायक होगें और आपके प्रति समर्पित भी रहेंगे। जन्मस्थान से दूर आपका आशियाना होगा। आप विदेश यात्राएं कर सकते हैं और वहां कुछ दिनों तक रह भी सकते हैं। अत: आप अस्पतालों और जलाशयों के माध्यम से लोगों की मदद करते रहेंगे। आप अपने जीवन काल में प्रचुर धन अर्जित कर पाएंगे। आपको यात्राएं करने का शौक हो या न हो छोटी बडी यात्रा तो करनी ही पड़ेगी। चन्द्रमा नवम भाव में (Moon in Ninth House) तथा स्वास्थ्य चन्द्रमा नवम भाव स्थित हो तो व्यक्ति सामान्यतः शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होता है।यदि अशुभ ग्रहों तथा अशुभ भावेश की दृष्टि होगी तो कोई न कोई बीमारी से परेशान भी हो सकते हैं । सर्दी-खांसी, तथा जोड़ के दर्द से परेशान हो सकते हैं। यदि चन्द्रमा जलीय राशि में है और अशुभ ग्रहों से सम्बन्ध बना रहा है तो टीबी (Tuberculosis) की बीमारी से परेशान हो सकते हैं। बचपन में आप शारीरिक रूप से चुस्त-दुरूस्त और बलिष्ठ होंगे।
Moon In the Tenth House
दशम भाव में चन्द्रमा व्यक्ति को पद एवं प्रतिष्ठा दोनों दिलाता है। ऐसा व्यक्ति धर्मात्मा होता है। इसे अपने बन्धु बान्धवों से सुख प्राप्त होता है। इनका बचपन कुछ कष्ट से गुजरता है परन्तु यौवन में सब प्रकार का सुख प्राप्त होता है। यदि जातक के दो पुत्र है तो ज्येष्ठ (बड़े) पुत्र से कष्ट की संभावना बनीं रहती है। दोनों में परस्पर विचारों की भिन्नता होती है इसी कारण ऐसा अनुभव में आया है कि पिता और पुत्र दोनों अलग अलग निवास करते हैं। दशम भाव में चन्द्रमा एवं मनोविज्ञान ( Moon in Tenth House & Psychology) आप बुद्धिमान व्यक्ति तो हैं ही साथ आप दयालु और निर्मल स्वाभाव के भी हैं। आप अल्प में भी संतुष्ट ( Satisfy) हो जाते हैं अर्थात् आप स्वभाव से ही संतोषी व्यक्ति हैं। आप बेहद ही कार्यकुशल व्यक्ति हैं इसलिए निश्चय ही आप जीवन में बडी सफलता प्राप्त करेंगे। ऐसा व्यक्ति सकारात्मक विचार से युक्त होते हैं। यदि दशम भाव में चन्द्रमा हो तो जातक सर्वत्र विजय प्राप्त करता है। यह जिस काम को हाथ में लेता है उसी में सफलता मिलती है।यदि कोई अशुभ ग्रहों कि दृष्टि या युति से युक्त न हो तो ऐसा जातक हमेशा शुभ कर्मों में लगा रहता है। सज्जनों को संगति से कार्यों में प्रगति होती है। प्रसिद्ध कवि जयदेव ने कहा है – ” जयी सिद्धारम्भो नभसि शुभकृत सत् प्रियकर:”। ऐसे व्यक्ति की समाज में तथा कार्यस्थल पर लोकप्रियता भी अच्छी खासी होती है। ये अपनी वाणी से व्यापार में वृद्धि करते है अर्थात वाणी ही व्यापार है। दशम भाव में चन्द्रमा और व्यवसाय ( Moon in Tenth House and Business) व्यापार और व्यवसाय के मामलों में भी आप अत्यंत कुशल हैं। आप नौकरी भी ऐसा करेंगे जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में जनता से सम्बन्ध बन रहा हो। जनता आप से प्यार करेंगे और आप भी जनता से प्यार करेंगे। दशम भाव में चन्द्रमा और स्वास्थ्य (Moon in Tenth House and Health) दशम भाव का चन्द्रमा शत्रु क्षेत्री हो या पाप ग्रह/अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो मनुष्य सर्दी-खांसी जैसे रोग से परेशान रहता है। उनका शरीर निर्बल होता है। दूषित चन्द्रमा यहाँ कितने प्रकार के रोग को जन्म दे सकता है। यदि चन्द्रमा नीच का होकर दशम भाव में स्थित है और अशुभ ग्रहों से भी सम्बन्ध बन रहा है तो मनुष्य अपने व्यवसाय को लेकर डिप्रेशन जैसी घातक बीमारी का शिकार हो जाता है।
Moon In the Eleventh House
एकादश भाव में चन्द्रमा का फल शुभ माना गया है। यह स्थान लाभ स्थान है अतः लाभ स्थान में चन्द्रमा का होना जातक को अवश्य ही शुभता प्रदान करेगा यदि चन्द्रमा अशुभ ग्रहो के योग में न हो तब। यदि किसी प्रकार से अशुभ ग्रह यथा शनि मंगल आदि के साथ हो या उसके घर में हो या इन ग्रहो की दृष्टि हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्र फल की शुभता समाप्त हो जाती है और अशुभ ग्रहो के फल के अनुसार फल देने में चन्द्रमा समर्थ हो जाता है। यदि किसी के कुंडली में चन्द्रमा एकादश भाव में स्थित है तो वह व्यक्ति स्वभावतः चंचल होता है। वह हमेशा कुछ न कुछ सोचते रहता है। ऐसा व्यक्ति योजना बहुत बनाता है यही नहीं प्रत्येक योजना का समबन्ध लाभ से अवश्य जुड़ा हुआ रहता है ऐसा व्यक्ति विना लाभ के कोई कार्य करना नहीं चाहता है। ऐसा व्यक्ति विदेश अथवा अन्य प्रदेश में रहना या जाना ज्यादा बहुत पसंद करता है। प्रत्येक भौतिक सुख-सुविधाओ का भरपूर उपभोग करना चाहता है और करता भी है। आप और एकादश भाव का चन्द्रमा ( Moon in Eleventh House and You) आप एक धनवान और ईमानदार व्यक्ति हैं।आप एक दीर्घायु व्यक्ति हैं।आप गुणवान और संतान का सुख पाने वाले व्यक्ति हैं। आप नौकर चाकर से युक्त अपने बच्चों के साथ प्रसन्नता पूर्वक रहेंगे। आपके पुत्री संतान पुत्रों की अपेक्षा अधिक हो सकती हैं। कभी-कभी कामों को आवश्यकता से अधिक विस्तार देने के कारण आप उन्हें पूरा नहीं कर पाएंगे। व्यापार के माध्यम से भी धन अर्जन करता है। एकादश भाव में चन्द्रमा और आर्थिक स्थिति ( Moon in Eleventh House and Economic Situation) जिस जातक के एकादश स्थान में चन्द्रमा स्थित है वह धनवान होता है। सारावली में भी कहा गया है — धनवान बहुसुतभागी बहवायु स्विस्ष्टभृत्यवर्गश्च इन्द्रौ भवेन्मनस्वी तीक्ष्णः शूरः प्रकाशश्च।। अर्थात किसी की कुंडली एकादश भाव में चन्द्रमा हो तो जातक धनि अधिक पुत्रवान लम्बी उम्र वाला सुन्दर नौकर चाकर वाला वीर कांतिमान मनस्वी होता है। ऐसा जातक विलासी जीवन व्यतीत करता है। वह मंहगी-मंहगी गाडियों का सुख भोगने वाला होता है। धन सम्पति के मामले में समृद्ध होता है। वह अपने जीवन काल में सभी सुख सुविधाओ का उपभोग करता है। सामाजिक स्थिति ( Social Status) आप समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। ऐसा व्यक्ति अक्सर सरकारी नौकरी करते हुए देखा गया है। राजकार्यो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी होती है। राजनैतिक व्यवस्था में भी अपना भागीदारी निभाने में आप कुशल होते है। यदि आप राजनीति में किस्मत आजमाना चाहते हैं तो आपको इसमें सफलता मिल सकती है। आपको सरकार के कामों करने का अवसर भी मिल सकता है। अथवा सरकार की ओर से सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है। आप किसी ngo के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बना सकते है। ऐसा जातक एक अच्छा सलाहकार हो सकता है इसका मुख्य कारण है की एकादश स्थान में बैठकर चन्द्रमा पंचम स्थान को देखता है और यह स्थान बुद्धि तथा त्रिकोण का भाव है यही कारण है की वह सलाह देने में समर्थ होता है। एकादश स्थित चन्द्रमा वाला जातक बुद्धिजीवियों की श्रेणी में गिने जाते हैं। जिस प्रकार जल किसी भी रंग अथवा पदार्थ के संयोग में आकर अपने गुण को खो देता है उसी प्रकार एकादश चन्द्रमा वाला व्यक्ति भी अपना प्राकृत स्वभाव में बदलाव कर लेता है और किसी भी समाज में आसानी से घुल मिल जाता है। क्या करना चाहिए और क्या नहीं ( What Should do or not) अशुभ चन्द्रमा हो तो बुध से संबंधित कार्य न करें तो अच्छा रहेगा। उसी प्रकार शनिवार के दिन मकान की खरीद बिक्री या मकान निर्माण जैसे कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसे जातक यदि दूध का दान करें या मंदिर में चढ़ाये तो धन-धान्य की वृद्धि होती है।
Moon In the Twelveth House
रहवें भाव में चन्द्रमा शुभ कम अशुभ फल ज्यादा देता है। बारहवां भाव व्यय तथा मोक्ष भाव होने से इस स्थान का चंद्रमा व्यय अथवा हानि का सूचक है। जिस व्यक्ति के जन्मलग्न से बारहवें भाव में चन्द्रमा हो तो यह कृश और दुर्बल शरीर होता है। यह रोगी क्रोधी और गरीब होता है। चन्द्रमा यहां अपने घर का हो या गुरु अथवा बुध की राशि में हो तो मनुष्य इन्द्रियजय, दान देने वाला स्मार्ट शरीर वाला और सभी प्रकार के सुख भोगने वाला होता है। यदि चन्द्रमा अशुभ अवस्था में हो तो नीच प्रवृत्ति वाले मनुष्यों के साथ रहने वाला होता है। अन्यत्र कहा गया है — द्र्व्यक्षयम् क्षुधाल्पत्वं नेत्ररूक्कलहोगृहे।। बारहवें भाव में स्थित चन्द्रमा और मनोविज्ञान (Moon in Twelve House and psychology) बारहवें स्थान में स्थित चंद्रमा ( Moon in Twelve House ) आपको चिंतनशील व्यक्ति बना देता है आपको अकेले में बैठकर सोचने के लिए बाध्य करता है और बाद में आप मह्सुश भी करते है की यह अच्छा नहीं है। आप एक एकांत प्रिय व्यक्ति है आपकी अपनी पसंद है आप हमेशा चाहते है की जो मैं चाहू वैसा ही हो और इसके लिए आप भरपूर कोशिश भी करते है। यदि किसी कारण अपनी पसंद की योजना बनाने में असफल होते है तो तुरंत दुखी भी हो जाते हैं। आप मधुरभाषी है परन्तु आवश्यकता पड़े तो कठोरवचन का प्रयोग करने में भी आप परहेज नही करते है। आप बहुत खर्चीले हो सकते है यदि किसी शुभ ग्रह का सम्बन्ध है या किसी अन्य ग्रह से कोई सम्बन्ध नहीं है और चन्द्रमा अपने कर्क राशि में या वृष राशि में है तो आप शुभ कार्यो में खर्च करेंगे। परन्तु ठीक इसके विपरीत यदि चन्द्रमा का अशुभ ग्रहों से किसी भी प्रकार से सम्बन्ध बनता है तो अशुभ कार्यो में या अनर्थक कार्यो में खर्च होगा। पहले तो आप अपने गुस्सा पर नियंत्रण करना चाहते है किन्तु ऐसा होता नहीं है। आप आलसी व्यक्ति हो सकते है और कई बार तो आलसीपन के कारण आपके बने बनाये कार्य बिगड़ भी जाते हैं। आप आप सौंदर्य प्रिय और प्रेममार्गी है प्रेम करना और प्रेम के लिए कुछ करना दोनों आपको प्रिय है। समय आने पर अंतरंग सम्बन्ध बनाने में भी परहेज नहीं करते और यदि अशुभ ग्रहो की युति या दृष्टि सम्बन्ध हो तब तो सोने पे सुहागा वाली बात लागू हो जाएगा। आपको जीवन में विदेश यात्राएं करने के भी मौके भी मिलेंगे। मैं अपने अनुभव में देखा हूँ की ऐसा व्यक्ति अपना निवास स्थान विदेश में बनाना चाहता है और इसमें सफल भी होता है। पारिवारिक एवं सामाजिक स्थिति (Family and Social Status if Moon in Twelve House) बारहवां भाव व्यय का भाव है और चन्द्रमा मन का कारक है इसलिए आप हेमशा खर्चे को लेकर परेशान रह सकते है। आपके शत्रुओं की संख्या अधिक हो सकती है। आपको अपने जीवन यात्रा में कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। कई मामलो में सामाजिक मूल्य में हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। बारहवें भाव में चन्द्रमा और स्वास्थ्य (Moon in Twelve House and Health) बारहवें स्थान में चन्द्रमा( Moon in Twelve House ) होने से आपकों आखों से सम्बंधित परेशानी हो सकती है। यदि मंगल का किसी तरह सम्बन्ध बनता है तो आखो में चोट लग सकता है और उसके कारण नेत्र दोष होगा। वही शनि के साथ योग बन रहा हो तो काला मोतियाबिंद या रतौधी जैसी बीमारी हो सकती है। यदि राहु से सम्बन्ध बनता है तो इन्फेक्शन के कारण नेत्र दोष होगा। इसके अलावा कफ से सम्बंधित परेशानियां भी हो सकती हैं। क्या करना चाहिए और क्या नहीं (What should you do or not) ऐसे व्यक्ति को कभी भी अपने घर के छत के नीचे कुआं या हैण्डपम्प नही लगवाना चाहिए। इसे लगाने से धन की हानि होती। दाम्पत्य सुख में भी समस्याएं आती है। अकारण क्लेश होते रहता है। इस समस्या से मुक्ति हेतु अपने घर के छत पर मिट्टी के मटके में बारिश का पानी भरकर रखें सभी समस्याएं अपने आप धीरे धीरे समाप्त हो जायेगी।
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