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Mercury in Different Houses in Astrology

In astrology, the 12 houses are symbolic of different facets of our lives. Each one is associated with a specific area, such as relationships, career, health, wellbeing, and spirituality. When the Mercury is present in a particular house, it adds its own unique energy and influence to that area.Order Reports|For consultation

Mercury in Different Houses in Astrology

Here's a breakdown of the Mercury's influence in each of the 12 houses:Choose the language to read below

बुध / BUDH

बुध की उत्पत्ति से जो कथा जु़डी है, वह है चंद्रमा द्वारा बृहस्पति की पत्नी तारा का अपहरण. गर्भवती होने पर तारा ने बृहस्पति के डर से गर्भ को इशीकास्तम्ब में विसर्जित कर दिया. इशीकास्तम्ब से जब दीप्तिमान एवं सुंदर बालक बुध का जन्म हुआ तो चंद्रमा एवं बृहस्पति दोनों ने ही उसे अपना पुत्र माना तथा जातकर्म संस्कार करना चाहा. जब यह विवाद बहुत अधिक बढ़ गया, तब ब्रह्मा जी ने अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए हस्तक्षेप किया. ब्रह्मा जी के पूछने पर तारा ने उसे चंद्रमा का पुत्र होना स्वीकार किया तथा ब्रह्मा जी ने उस बालक को चंद्रमा को दे दिया. चंद्रमा के पुत्र माने जाने के कारण बुध को क्षत्रिय माना गया, यदि उन्हें बृहस्पति का पुत्र माना जाता तो ब्राह्मण माना जाता. चंद्रमा ने बुध के पालन-पोषण का दायित्व अपनी प्रिय पत्नी रोहिणी को दिया. रोहिणी द्वारा पालन-पोषण किए जाने के कारण बुध का नाम रौहिणेय भी है. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकट स्थित ग्रह है. यह व्यक्ति को विद्वता, वाद-विवाद की क्षमता प्रदान करता है. यह जातक के दांतों, गर्दन, कंधे व त्वचा पर अपना प्रभाव डालता है. यह कन्या राशि में उच्च एवं मीन राशि में नीच का होता है. बुध से जु़डा सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण धर्म अनुकूलनशीलता है. हर हाल में खुद को ढाल लेना सिर्फ बुध प्रधान व्यक्ति ही कर सकता है. भयानक तूफानों में जहां बडे-बडे दरख्त धराशायी हो जाते हैं, वहां वो नाजुक लचीले व कोमल पौधे बच जाते हैं जो झुककर तूफानों के निकल जाने का इंतजार करते हैं. बुध की शांति: बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियां हिजड़े को दान करनी चाहिए. हरी सब्जियां एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए. बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूंग के लड्डुओं का भोग लगाएं तथा बच्चों को बांटें. घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए. अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियां एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए. फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है.

Mercury In the First House

प्रथम भाव में बुध होने पर जातक दूसरों का प्रिय, ज्ञानवान, चिंतक, त्यागी, लेखक, गणितज्ञ, कवि, चिकित्सक, ज्ञान पिपासु तथा अपने धर्म पर मनन करने वाला होता है. वह जातक गंभीर व्यक्तित्व वाला, चरित्रवान, मधुरभाषी तथा संयमी होता है. उसमें किसी एक विषय में पारंगत होने तथा दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता होती है. वह जातक आयु के 10 वर्ष से ही प्रभावपूर्ण दिखने लगता है. वह जातक वाक्पटु और दूसरों को सहज ही मोहने वाला होता है. उपाय: 1. हरे रंग और शालियों से यथासंभव दूर रहें. 2. अंडा, मांस और मदिरा का सेवन न करें. 3. घूम फिर कर करने वाले व्यापार से एक ही स्थान पर बैठ कर करने वाला व्यापार अच्छा और फायदेमंद रहेगा.

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Mercury In the Second House

दूसरे भाव में बुध कुंडली के दूसरे भाव का बुध जातक को सुवक्ता, धनी, सलाहकार व बिचौलिया बनाता है. वह अपने प्रयास से अत्यधिक धन कमाने वाला, यात्रा प्रेमी, पाप से दूर रहने वाला, पवित्र तथा ज्ञान पिपासु होता है. वह जातक आयु के 26वें वर्ष में धन की हानि तथा 36वें वर्ष में आकस्मिक धन लाभ कमा सकता है. वह जीवन में अच्छी वस्तुओं का शौकीन, परिवार का प्रिय तथा अपने कौषल विषेष रूप से वाणी द्वारा धन कमाने वाला होता है. उपाय: 1. अंडे, मांस और शराब से बचें. 2. शालियों से संबंध हानिकारक होंगे. 3. भेड़, बकरी, और तोता पालना सख्त वर्जित है.

Mercury In the Third House

तीसरे भाव में बुध जातक के कुंडली के तीसरे भाव का बुध जातक को साहसी, सुविधा में रूचि, समाज का सहायक, व्यवसाय से धन कमाने वाला तथा शीघ्र मैत्री करने वाला बनाता है. ऐसा जातक रिश्‍तेदारों से लाभ लेने वाला, ज्योतिष, अध्यात्म आदि रहस्यमय विषयों में गहरी रुचि रखने वाला, खुशियां चाहने वाला परन्तु स्वार्थी नहीं होता है. जातक संयमी, दयालु, सभ्य, निरंतर यात्रा करने वाला तथा अच्छी वस्तुओं का संग्रह करने वाला होता है. जातक को आयु के 12वें वर्ष में भाग्य लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. उपाय: 1. हर रोज फिटकिरी से अपने दांत साफ करें. 2. पक्षियों की सेवा करें और एक बकरी दान करें. 3. दक्षिण्मुखी घर में न रहें. 4. अस्थमा की दवाएं वितरित करें.

Mercury In the Fourth House

चौथे भाव में बुध चौथे भाव का बुध जातक को पैदाइशी परिवर्तनशील बनाता है. ऐसा जातक चंचल, संपत्तिवान, बुद्धिमान, रिश्‍तेदारों से रहित, विपरीत लिंग वालों का प्रिय तथा बेशर्म बनाता है. अचल सम्पत्तियों से लाभ व आय प्राप्त करने वाला, अच्छे वाहन वाला, संगीत का प्रेमी, गायन में रुचि रखने वाला तथा अच्छी स्मरण शक्ति वाला बनाता है. आयु का 22वां वर्ष विषेष लाभकारी होता है. उपाय: 1. मानसिक शांति के लिए चांदी की चेन पहने और धन-संपत्ति पाने के लिए सोने की चेन पहनें. 2. माथे पर 43 दिनों के लिए नियमित रूप से केसर का तिलक लागाएं. 3. बंदरों को गुड खिलाएं और उनकी सेवा करें.

Mercury In the Fifth House

पांचवें भाव में बुध पांचवें भाव का बुध जातक को जन्मजात संगीत का ज्ञाता बनाता है. जीवन साथी से प्रेम पाने वाला, बुद्धिमान, संतान युक्त बनाता है. बड़ों और ज्ञानी जनों का आदर करने वाला, भक्ति तथा रहस्यवाद में गहरी रुचि वाला होता है. वह धनवान होता है. राजा का प्रिय, सलाहकार तथा अपनी बुद्धिमत्ता से लोगों को चमत्कृत करने वाला होता है परंतु बुध के पीड़ित होने पर वह सभी अच्छे गुणों से रहित तथा बुरी आदतों की ओर उन्मुख हो जाता है तथा जुए आदि का आदी हो सकता है. सामान्यतया वाद-विवाद में कुशल तथा सृजनात्मक गतिविधियों वाला होता है. आयु के 26वें वर्ष में माता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. उपाय: 1. धन प्राप्त करने के लिए सफेद धागे में तांबे का एक सिक्का पहनें. 2. पत्नी की प्रसन्न्ता और अच्छी किस्मत लिए गायों की सेवा करें. 3. गोमुखी घर (सामने संकीर्ण और अंत में व्यापक) अत्यधिक शुभ साबित होगा जबकि शेरमुखी घर (सामने व्यापक और अंत में संकरा) अत्यधिक विनाशकारी साबित होगा.

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Mercury In the Sixth House

छठे भाव में बुध छठे भाव का बुध जातक को आत्मसंयमी, अति बुद्धिमान तथा मातृभक्त बनाता है. वह संबंधियों से विरोध, आलसी, क्रूर प्रकृति का, चिन्ताग्रस्त तथा नौकरों अथवा सेवकों द्वारा कष्ट पाने वाला होता है. वह लेख अथवा प्रकाशन द्वारा आय करता है. औषधियों में रुचि, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तथा भोजन के विषय में अच्छा ज्ञान रखता है. आयु के तीसरे वर्ष में शारीरिक कष्ट तथा 36वें वर्ष में शत्रु भय होता है. उपाय: 1. कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं. 2. अपनी पत्नी के बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनाएं. 3. किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा.

Mercury In the Seventh House

सातवें भाव में बुध सातवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान बनाता है. उसका भाग्य विवाह के बाद उदित होता है, ऐसा व्यक्ति पूरी तरह से हंसमुख होता है और बच्चों के साथ विषेष संबंध स्थापित करता है जहां बच्चे भी खुलकर अपने मन की बात उस व्यक्ति से कर सकते हैं. विपरीत सेक्स के प्रति एक स्वाभाविक सा आकर्षण होता है और विपरीत लिंग के व्यक्ति भी उसे पसंद करते हैं. ऐसा व्यक्ति बहुत अच्छा होता है, साधारणतया सत्यता का पालन करता है और व्यापार में उसकी बुद्धि प्रखर होती है जिसके फलस्वरुप वह अपने व्यक्तित्व और बुद्धि से लोगों को प्रभावित कर आसानी से धन कमा सकता है. ऐसा व्यक्ति अच्छा लेखक होता है. जातक को 17 और 19 वर्ष में भाग्यवर्धक वर्ष का लाभ देता है. उपाय: 1. साझेदारी के व्यापार से बचें. 2. सट्टेबाजी से बचें. 3. खराब चरित्र वाली साली से सम्बन्ध न रखें.

Mercury In the Eighth House

आठवें भाव में बुध आठवें भाव का बुध, जातक को कोमल स्वभाव, अच्छा मेजबान, धनी, सरकार से अच्छा पद अथवा अधिकारिक स्थान प्रदान करता है. वह सहजता से धन कमाने वाला, सदा सकारात्मक सोच वाला, नेकचलन, शत्रुओं पर विजयी तथा विदेश में मान पाने वाला होता है. आयु के 14वें वर्ष में स्वास्थ्य कुछ नरम हो सकता है. उपाय: 1. किसी मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर यह श्मशान या सुनसान क्षेत्र में दफनाएं. 2. किसी कंटेनर में दूध अथवा बारिश का पानी भरकर घर की छत पर रखें. 3. अपनी बेटी की नाक में बाली पहनाएं।

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Mercury In the Ninth House

नौवें भाव में बुध नौवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, धनी, कुशल कलाकार, धार्मिक, समर्पित पत्नी तथा बुद्धिमान संतान प्रदान करता है. वह सात्विक आय करने वाला, साधु-संतों का मान करने वाला तथा निरंतर विदेश यात्राएं करने वाला होता है. वह दयावान, सभ्य, बहुत-से सेवको वाला तथा अपने कुल और परिवार का नाम ऊंचा करने वाला होता है. आयु के 19वें वर्ष में माता को कष्ट तथा 32वें वर्ष में भाग्य की हानि हो सकती है. उपाय: 1. हरे रंग के प्रयोग से बचें. 2. अपनी नाक छिदवायें. 3. किसी मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर धार्मिक जगह दान करें. 4. किसी साधु या फकीर से कोई ताबीज न लें.

Mercury In the Tenth House

दसवें भाव में बुध दसवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, शास्त्रों का ज्ञाता, प्रसिद्ध तथा सात्विक मार्ग से जीवन में उन्नति करने वाला बनाता है. जातक रिश्‍तेदारों से प्रेम रखने वाला तथा उनकी सहायता करने वाला, तीक्ष्ण बु़द्धि का स्वामी, निपुण, विनोदी, कुषल वक्ता तथा जीवन में विभिन्न उपक्रम करने में कुशल होता है. जातक दलाली से अच्छी आय वाला किंतु कमजोर बुध विपरीत परिणाम देता है. आयु के 16वें अथवा 29वें वर्ष में निष्चय ही धन लाभ प्राप्त करता है. उपाय: 1. शराब, मांस, अंडे और बहुत अधिक भोजन खाने से बचें. 2. चावल और दूध धार्मिक स्थानों में दान करें.

Mercury In the Eleventh House

ग्यारहवें भाव में बुध ग्यारहवें भाव का बुध जातक को कलाओं में रुचि लेने वाला, ज्योतिष तथा मस्तिष्क विज्ञान में रुचि रखने वाला बनाता है. वह एक कुशल लेखक, शासन से लाभ पाने वाला, गुप्त विद्याओं में गहरी रुचि रखने वाला तथा संगीत कला का अच्छा ज्ञाता भी होता है. वह अति बुद्धिमान, अच्छा जीवन साथी तथा परिवार का सम्मान बढ़ाने वाला होता है. जीवन के 45वें वर्ष में वह विषेष लाभ अर्जित करता है. उपाय: 1. गर्दन में किसी सफेद धागे या चांदी की चेन में तांबे का गोल सिक्का पहनें. 2. अपने घर में विधवा बहन या बुआ को न रखें. 3. हरे रंग और पन्ना रत्न से बचें. 4) साधु या फकीर की दी हुई ताबीज न लें.

Mercury In the Twelveth House

बारहवें भाव का बुध बारहवें भाव का बुध जातक को समाज में अपमान का भागी तथा अनुत्पादक कार्यों में लिप्त करता है. कमजोर बुध मानसिक कष्ट देता है तथा वह दूसरों के प्रभाव में सहज ही आ जाता है और दुख पाता है किंतु उच्च का बुध अध्यात्म, गुप्त विद्याओं में रुचि तथा अत्यधिक सम्मान प्रदान करता है. जीवन का 22वां तथा 44वां वर्ष दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है. उपाय: 1. नदी में एक नया खाली घड़ा फेंकें. 2. स्टेनलेस स्टील की एक अंगूठी पहनें. 3. केसर का तिलक लगाएं और धार्मिक स्थानों पर जाएं. 4. किसी भी नए या महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले किसी अन्य व्यक्ति की सलाह लें.



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