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Mars in Different Houses in Astrology

In astrology, the 12 houses are symbolic of different facets of our lives. Each one is associated with a specific area, such as relationships, career, health, wellbeing, and spirituality. When the Mars is present in a particular house, it adds its own unique energy and influence to that area.Order Reports|For consultation

Mars in Different Houses in Astrology

Here's a breakdown of the Mars's influence in each of the 12 houses:Choose the language to read below

मंगल / MANGAL

मंगल ग्रह से आमतौर पर लोग डरते हैं जबकि जिसका नाम ही मंगल हो वह अमंगल कैसे कर सकता है। यह ग्रह उग्र जरूर है लेकिन अशुभ नहीं। कुंडली में हर ग्रह शुभ और अशुभ फल देते हैं ऐसे ही मंगल भी दोनों तरह के फल देता है। मंगल की शुभता उसके साथ बैठे ग्रह से तय की जाती है अथवा उस पर पड़ने वाली शुभ ग्रहदृष्टि से। यहां हमने हर घर में मंगल के दोष और उनके निवारण पर चर्चा की है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल लग्न भाव, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति मांगलिक हो जाता है। यदि इन भावों में शनि, सूर्य, राहु या केतु हो तो व्यक्ति आंशिक मांगलिक हो जाता है।

Mars In the First House

मंगल- प्रथम भाव में कुण्डली के प्रथम भाव में अर्थात पहले खाने में मंगल बैठा हो तो जातक में नीचे लिखे अशुभ लक्षण आ जाते हैं:- 1. जातक झूठा और मक्कार होता है। 2. भाइयों का अनिष्टकारक होता है। 3. जातक की पत्नी की मृत्यु अग्नि दुर्घटना में हो। 4. दो विवाह का योग बनता है। 5. जातक की पत्नी रोगग्रस्त होती है। 6. जातक झगड़ालू और लड़ाकू होता है। 7. बारहवें भाव में चन्द्र हो तो जातक दरिद्र होता है। अशुभता दूर करने के उपाय एवं टोटके 1. मंगल को शुभ बनाने के लिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें। 2. मिट्टी के घड़े में गुड़ डालकर मंगलवार को सुनसान स्‍थान में रख आएं। 3. लाल रंग के वस्त्रों का ज्यादा उपयोग करें। 4. मंगलवार का व्रत रखें। 5. सिद्ध मंगल यंत्र धारण करें।

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Mars In the Second House

मंगल-द्वितीय भाव में कुण्डली के दूसरे खाने में मंगल बैठा हो तो आगे वर्णित अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक 9 वर्षों तक रोग से पीड़ित रहे। 2. यदि जातक अपने भाइयों से छोटा है तो बड़े भाई की मृत्यु का योग बनता है। 3. विवाहित जीवन में पति-पत्नी में आपसी क्लेश बना रहेगा। 4. मंगल अशुभ हो तो जातक की मृत्यु लड़ाई-झगड़े में होने की आशंका रहती है। मंगल की अशुभता दूर करने के उपाय और टोटके 1. दोपहर के समय बच्चों को फल बांटें। 2. मंगलवार का व्रत रखें। 3. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें। 4. सवा किलो या सवा पांच किलो रे‍वड़ियां बहते जल में प्रवाहित करें। 5. पांच छुहारे जल में उबालकर नदी में प्रवाहित करें।

Mars In the Third House

मंगल-तृतीय भाव में कुण्डली में तीसरे खाने में मंगल बैठा हो तो निम्न‍िलिखित अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक शराबी होता है। 2. चालबाज एवं धोखेबाज होता है। 3. मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक ब्लड प्रेशर का रोगी हो सकता है। 4. मंगल अशुभ होकर जातक की हत्या भी करवा सकता है। 5. मंगल की अशुभता के कारण जातक अपना काम स्वयं बिगाड़ लेता है। मंगल की अशुभता दूर करने के उपाय एवं टोटके 1. चापलूस मित्रों से दूर रहें 2. साढ़े पांच रत्ती मूंगा (रत्न) सोने की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार के दिन धारण करें। 3. मूंगा धारण करने की शक्ति (क्षमता) न हो तो 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करें। 4. हाथी दांत से बनी वस्तुएं घर में न रखें। 5. चांदी की अंगूठी बाएं हाथ की उंगली में धारण करें।

Mars In the Fourth House

मंगल-चतुर्थ भाव में कुण्डली में चौथे खाने में मंगल बैठा हो तो नीचे लिखी अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक मांगलिक होता है। 2. जातक संतानहीन हो सकता है। 3. जातक रोग से पीड़ित रहता है। 4. क्रोध के कारण स्वयं की हानि होती है। 5. वृद्धावस्था में अंधा हो सकता है। 6. मंगल चौथे खाने में हो और बुध 12वें हो तो जातक पूर्ण रूप से दरिद्र होता है। मंगल की अशुभता नष्ट करने के उपाय एवं टोटके 1. त्रिधातु की अंगूठी धारण करें। 2. 'सिद्ध मंगल यंत्र' गले में अथवा दाहिने बाजू पर धारण करें। 3. देवताओं की मूर्तियां घर में स्‍थापित न करें। 4. अपने बिस्तर, तकिया आदि पर लाल रंग का कवर चढ़ाएं।

Mars In the Fifth House

मंगल-पंचम भाव में कुण्डली के पांचवें खाने (भाव) में मंगल बैठा हो तो नीचे लिखी अशुभता जातक को प्रदान करता है। 1. जातक (जिसकी जन्म कुण्डली हो), पाप कर्म में लिप्त शराबी हो सकता है। 2. जीवन में अनेक परेशानियां आएंगी। 3. मिरगी का रोगी भी हो सकता है। 4. जातक नेत्र रोगी भी हो सकता है। 5. जातक की स्त्री गर्भस्राव रोग से परेशान हो सकती है। उपाय एवं टोटके 1. रात को सिरहाने तांबे के लोटे में पानी भरकर रखें और सुबह उस जल को पीपल के वृक्ष की जड़ में डाल दें। 2. आंगन में नीम का पेड़ लगाएं। 3. 'सिद्ध मंगल यंत्र' गले में धारण करें या सवा पांच रत्ती मूंगा की अंगूठी बनवाकर दाहिने हाथ की उंगली में मंगलवार के दिन धारण करें। 4. मंगलवार का व्रत रखें। 5. मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा बांटें। 6. वैदिक विधि से 'मंगल शांति पाठ' कराएं।

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Mars In the Sixth House

मंगल-षष्टम् भाव में जिसकी कुण्डली में मंगल छठे भाव में होता है उसे निम्नलिखित अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक बवासीर या ब्लडप्रेशर का रोगी हो सकता है। 2. जातक कामुक स्वभाव होता है और पराई स्त्रियों पर बुरी नीयत रखता है। 3. मंगल छठे भाव में हो और बुध आठवें भाव हो तो जातक की छोटी उम्र में ही उसकी माता का देहान्त हो जाने की आशंका रहती है। 4. मंगल छठे और बुध 12वें भाव में हो तो जातक के भाई-बहनों की स्थि‍ति दयनीय होती है। मंगल के उपाय एवं टोटके 1. चार सूखे खड़कते ना‍रियल मंगलवार के दिन नदी में प्रवाहित करें। 2. मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाएं और पीले लड्डू का प्रसाद चढ़ाकर लोगों को बांटें। 3. 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करने से अशुभता का नाश होगा और शुभ फल मिलेगा। 4. हनुमान चालीसा या हनुमान स्त‍ुति बांटें। 5. कुंवारी कन्याओं का पूजन करें।

Mars In the Seventh House

मंगल-सप्तम भाव में कुण्डली के सातवें घर में मंगल बैठा हो तो नीचे लिखी अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक की स्त्री क्रोधी स्वभाव की होगी। 2. जातक स्वयं क्रोध के कारण अपना नुकसान कर लेता है। 3. जातक प्राय: पुत्रहीन होता है। 4. ऐसे जातकों की पराई स्त्री से संबंध होता है। मंगल के उपाय एवं टोटके 1. चांदी की ठोस गोली बनवाकर सदैव अपनी जेब में रखें। 2. मंगलवार के दिन लस्सी जरूर पियें। 3. लाल रूमाल अपनी जेब में रखें। 4. बहन को मंगलवार के दिन अपने हाथ से मिठाई खिलाएं। 5. 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करें। 6. हनुमानजी का व्रत रखें, हनुमान चालीसा बांटें।

Mars In the Eighth House

मंगल-अष्टम भाव में कुण्डली में आठवें (घर) में मंगल बैठा हो तो निम्नलिखित अशुभ फल प्रदान करता है। 1. आठवें भाव में बैठे मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक अल्प आयु वाला तथा दरिद्र होता है। 2. जातक के लिए 28 वर्षों तक मौत का फंदा बना रहता है। 3. मंगल आठवें भाव में हो और बुध छठे भाव में हो तो जातक की माता की मृत्यु जातक के बचपन में हो जाने की आशंका रहती है। 4. जातक 'मर्डर केस' में फंस सकता है। 5. जातक रोगी होता है। मंगल के उपाय एवं टोटके 1. विधवा स्त्री की सेवा करें। 2. चांदी की चेन धारण करें। 3. 'सिद्ध मंगल यंत्र' जरूर धारण करें। 4. त्रिधातु की अंगूठी धारण करें। 5. हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा हनुमानजी के मंदिर में जाकर बांटें। 6. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें।

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Mars In the Ninth House

मंगल-नवम् भाव में कुण्डली में नवम् भाव में मंगल हो तो निम्नवत् अशुभ प्रभाव प्रदान करता है। 1. जातक क्रोधी स्वभाव का होता है। 2. विद्या अधूरी रहे। 3. जातक झूठा होता है। 4. ईमानदार हो फिर भी बदनामी मिलती है। 5. जीवन के क्षेत्र में सफलता कम मिलती है। 6. स्त्री की कमाई पर जीवन-यापन करता है। मंगल की अशुभता दूर करने के उपाय 1. मंगलवार को 21, 51 या 101 हनुमान चालीसा बांटें। 2. मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर एवं लड्डू चढ़ाएं। 3. 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करें। 4. तांबे के सात चौकोर टुकड़े बनाकर मिट्टी के नीचे दबा दें। 5. प्रतिदिन 'हनुमान स्तुति' का पाठ करें।

Mars In the Tenth House

मंगल-दशम् भाव में दसवें खाने में बैठा मंगल नीचे लिखी अशुभता जातक को प्रदान करता है: 1. जातक को चोरी के आरोप में जेल जाना पड़ सकता है। 2. मंगल दसवें, सूर्य चौथे, बुध छठे खाने में हो तो जातक एक आंख का काना हो सकता है। 3. मंगल के साथ कोई पापी ग्रह हो तो जातक बर्बाद हो जाता है। 4. मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक 15 वर्ष तक बीमारी से पी‍ड़ित हो सकता है। मंगल अशुभता दूर करने के उपाय 1. संतानहीन की सेवा करें। 2. घर में हिरण पालें। 3. मंगलवार को मीठा भोजन करें। 4. हनुमानजी को लड्‍डू चढ़ाएं। 5. मंगलवार को हनुमान चालीसा बांटें।

Mars In the Eleventh House

मंगल-एकादश भाव में मंगल ग्यारहवें भाव में हो तो जातक को निम्नलिखित अशुभता प्रदान करता है। 1. जातक कर्जदार रहता है। 2. जातक की संतान झगड़ालू होती है। 3. जातक को मित्रों से धोखे मिलते हैं। 4. शिक्षा में विघ्न बाधाएं। 5. आजीविका के लिए कठोर संघर्ष करना पड़े। मंगल अशुभता निवारण के उपाय 1. बिना जोड़ वाला सोने का छल्ला धारण करें। 2. काला कुत्ता पालें। 3. केसर का तिलक लगाएं। 4. कर्ज से मुक्ति के लिए प्रभावकारी 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करें। 5. मंगल व्रत रखें और पीले लड्‍डू का प्रसाद बांटें।

Mars In the Twelveth House

मंगल-द्वादश भाव में कुण्डली में बारहवें भाव में बैठा मंगल क्या अशुभ प्रभाव डालता है। 1. शत्रुओं से हानि की आशंका। 2. लाभ से अधिक व्यय होगा। 3. घर में चोरी होने का भय। 4. पत्नी से अनबन। 5. जातक संतानहीन हो सकता है। उपाय एवं टोटके:- 1. चांदी की चेन धारण करें। 2. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें। 3. एक किलो पतासे मंगल के दिन बहते जल में प्रवाहित करें। 4. 'सिद्ध मंगल यंत्र' धारण करने से शुभ लाभ होगा। 5. तंदूर में मीठी रोटी सेंककर कुत्ते को खिलाएं। 6. साढ़े पांच रत्ती मूंगा सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें।



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