Rasi D1 and Navamsa D9
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Jupiter in Different Houses in Astrology
In astrology, the 12 houses are symbolic of different facets of our lives. Each one is associated with a specific area, such as relationships, career, health, wellbeing, and spirituality. When the Jupiter is present in a particular house, it adds its own unique energy and influence to that area.Order Reports|For consultation
Here's a breakdown of the Jupiter's influence in each of the 12 houses:Choose the language to read below
बृहस्पति / Jupitor
गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है। यह ज्ञान और भाग्य का कारक है। ज्योतिष में इसे धन का कारक भी कहा गया है। गुरु का संबंध नौकरी या रोजगार के भाव यानी दसवें भाव से हो तो बहुत शुभ रहता है। बृहस्पति (गुरु) ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है. यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है. इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में पृथ्वी के समयानुसार 12 वर्षों का समय लगता है. किसी भी मनुष्य की कुंडली के विभिन्न भावों में गुरु का प्रभाव उस व्यक्ति के लिए अच्छा और बुरा दोनों होता है.
Jupiter In the First House
जिस जातक के पहले भाव में गुरु (बृहस्पति) होता है वह अपने गुणों से चारों ओर आदर की दृष्टि से देखा जाता है. यह जातक को अमीर बनाता है, भले ही वह सीखने और शिक्षा से वंचित हो. जातक स्वस्थ और दुश्मनों से निर्भीक रहने वाला होगा. जातक अपने स्वयं के प्रयासों, मित्रों की मदद और सरकारी सहयोग से हर आठवें साल में बडी तरक्की पाएगा. यदि सातवें भाव में कोई ग्रह न हो तो विवाह के बाद सफलता और समृद्धि मिलती है. बृहस्पति पहले भाव में हो और शनि नौवें भाव में हो तो जातक को स्वाथ्य से संबंधित परेशानियां होती हैं. बृहस्पति पहले भाव में हो और राहू आठवें भाव में हो तो जातक के पिता की मृत्यु दिल के दौरे या अस्थमा के कारण होती है. उपाय : 1. बुध, शुक्र और शनि से सम्बंधित वस्तुएं धार्मिक स्थानों पर लोगों के बीच बांटे. 2. गौ सेवा करें और अछूतों को दान देकर मदद करें. 3. यदि शनि पांचवे भाव में हो तो जातक घर का निर्माण न करें. 4. यदि शनि नवम भाव में हो तो शनि से सम्बंधित चीजें जैसे मशीनरी आदि न खरीदें. 5. यदि शनि ग्यारहवें या बारहवें भाव में हो तो शराब, मांस और अंडे का प्रयोग वर्जित है.
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Jupiter In the Second House
दूसरे भाव में गुरु अगर कुंडली के दूसरे भाव में गुरु हो तो जातक कवि होता है. उसमें राज्य संचालन करने की शक्ति होती है. इस घर के परिणाम बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित होते हैं भले ही शुक्र कुण्डली में कहीं भी बैठा हो. शुक्र और बृहस्पति एक दूसरे के शत्रु हैं. इसलिए दोनों एक दूसरे पर प्रतिकूल असर डालते हैं. नतीजतन, यदि जातक सोने के या आभूषणों के व्यापार में संलग्न होता है, तो शुक्र से संबंधित चीजें जैसे पत्नी, धन और संपत्ति आदि नष्ट हो जाएगी. यदि जातक की पत्नी भी उसके साथ है तो जातक सम्मान और धन कमाता जाएगा बावजूद इसके उसकी पत्नी और परिवार के लोग स्वास्थ्य समस्या या अन्य परेशानियों से ग्रस्त रहेंगे. उपाय : 1. गरीबों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने से समृद्धि बढ़ेगी. 2. दशम भाव में स्थित शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सांपों को दूध पिलायें. 3. यदि आपके घर के सामने की सड़क में कोई गड्ढा है तो उसे भर दें.
Jupiter In the Third House
तीसरे भाव में गुरु कुंडली के तीसरे भाव में गुरु हो तो वह जातक को नीच स्वभाव का बना देता है. परंतु उसे सहोदर भ्राताओं का सुख भी प्राप्त होता है. तीसरे भाव का बृहस्पति जातक को समझदार और अमीर बनाता है, जातक अपने पूरे जीवन काल में सरकार से निरंतर आय प्राप्त करता रहता है. नवम भाव में स्थित शनि जातक को दीर्घायु बनाता है. यदि शनि दूसरे भाव में हो तो जातक बहुत चतुर और चालाक होता है. चतुर्थ भाव में स्थित शनि यह इशारा करता है कि जातक का पैसा और धन उसके अपने दोस्तों के द्वारा लूट लिया जाएगा. यदि बृहस्पति तीसरे भाव में किसी पापी ग्रह से पीडित है तो जातक अपने किसी करीबी के कारण बरबाद हो जाएगा और कर्जदार हो जाएगा. उपाय : 1. देवी दुर्गा की पूजा करें और कन्याओं अर्थात छोटी लड़कियों को मिठाई और फल देते हुए उनके पैर छू कर उनका आशीर्वाद लें. 2. चापलूसों से दूर रहें.
Jupiter In the Fourth House
चौथे भाव में गुरु कुंडली के चौथे भाव में गुरु हो तो व्यक्ति लेखक, प्रवासी, योगी, आस्तिक, कामी, पर्यटनशील तथा विदेश प्रिय तथा महिलाओं के पीछे-पीछे घूमने वाला होता है. चौथा घर बृहस्पति के मित्र चंद्रमा का है. बृहस्पति इस घर में उच्च का होता है. इसलिए बृहस्पति यहां बहुत अच्छे परिणाम देता है और जातक को दूसरों के भाग्य भविष्य तय करने की शक्तियां प्रदान करता है. जातक पैसा, धन, और बहुत सम्पत्ति के साथ साथ सरकार की ओर से सम्मान का अधिकारी होता है. जातक को संकट के समय में दैवीय सहायता प्राप्त होगी. जैसे-जैसे उसकी उम्र बढती जाएगी जातक समृद्धि और धन में भी वृद्धि होगी. उपाय : 1. घर के भीतर मंदिर ना बनवाएं. इससे गरीबी और परेशानी पूर्ण वैवाहिक जीवन का सामना करना पड़ेगा. 2. बड़ों की सेवा करें. इससे सुख समृद्धि आयेगी और गुरु के विपरित प्रभाव से बचा जा सकेगा. 3. सांप को दूध पिलायें. 4. कभी भी नंगे बदन न रहें.
Jupiter In the Fifth House
पांचवें भाव में गुरु जातक की कुंडली में अगर गुरु पांचवें भाव में हो तो जातक विलासी तथा आराम प्रिय होता है. यह घर बृहस्पति और सूर्य से संबंधित होता है. जातक के समृद्धि में वृद्धि पुत्र प्राप्ति के पश्चात होगी. वास्तव में जातक के जितने अधिक पुत्र होंगे वह उतना ही अधिक समृद्धशाली होगा. पांचवां घर सूर्य का अपना घर होता है और इस घर में सूर्य, केतू और बृहस्पति मिश्रित परिणाम देते हैं. लेकिन यदि बुध, शुक्र और राहू दूसरे, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में हों तो सूर्य, केतू और बृहस्पति खराब परिणाम देंगे. उपाय : 1. किसी भी तरह का दान या उपहार स्वीकार न करें. 2. पुजारियों और साधुओं की सेवा करें.
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Jupiter In the Sixth House
छठे भाव में गुरु यदि जातक की कुंडली के छठे भाव में गुरु हो तो ऐसा जातक सदा रोगी बना रहता है. परंतु मुकदमें आदि में जीत हासिल करता है और सदा अपने शत्रुओं को मुंह के बल गिराने की क्षमता रखता है. छठवा घर बुध का होता है और केतु का भी इस घर पर प्रभाव माना गया है. इसलिए यह घर बुध, बृहस्पति और केतु का संयुक्त प्रभाव देगा. यदि बृहस्पति शुभ होगा तो जातक पवित्र स्वभाव का होगा. उसे बिना मांगे जीवन में सब कुछ मिल जाएगा. यदि बृहस्पति छठवें घर में हो और केतु शुभ हो तो जातक स्वार्थी हो जाएगा. उपाय : 1. बड़ों के नाम पर दान-दक्षिणा करनी चाहिए. यह जातक के लिए फायदेमंद होगा. 2. बृहस्पति से संबंधित वस्तुएं मन्दिर में भेंट करें. 3. मुर्गों को दाना डालें. 4. पुजारी को कपड़े भेंट करें.
Jupiter In the Seventh House
सातवें भाव में गुरु अगर किसी जातक की कुंडली के सातवें भाव में गुरु हो तो जातक की बुद्धि श्रेष्ठ होती है. ऐसा व्यक्ति भाग्यवान, नम्र, धैर्यवान होता है. सातवां घर शुक्र का होता है, अत: यह मिश्रित परिणाम देगा. जातक का भाग्योदय शादी के बाद होगा और जातक धार्मिक कार्यों में शामिल होगा. घर के मामले में मिलने वाला अच्छा परिणाम चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करेगा. यदि सूर्य पहले भाव में हो तो जातक एक अच्छा ज्योतिषी और आराम पसंद होगा. लेकिन यदि बृहस्पति सातवें भाव में नीच का हो और शनि नौवें भाव में हो तो जातक चोर हो सकता है. यदि बुध नौवें भाव में हो तो जातक के वैवाहिक जीवन परेशानियों से भरा होगा. उपाय : 1. जातक को कभी भी किसी को कपड़े दान नहीं करने चाहिए. अन्यथा जातक बड़ी गरीबी की चपेट में आ जाएगा. 2. जातक को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. 3. घर में किसी भी देवता की मूर्ति न रखें. 4. हमेशा अपने साथ किसी पीले कपडे में बांध कर सोना रखें. 5. पीले कपडे पहने हुए साधु और फकीरों से दूर रहें.
Jupiter In the Eighth House
आठवें भाव में गुरु जातक की कुंडली के आठवें भाव में गुरु हो तो जातक दीर्घायु होता है तथा ऐसा जातक अधिक समय तक पिता के घर में नहीं रहता है. इस घर में गुरु अच्छे परिणाम नहीं देता लेकिन जातक को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. संकट के समय जातक को ईश्वर की सहायता मिलेगी. धार्मिक होने से जातक के भाग्य में वृद्धि होगी. यदि बुध, शुक्र या राहू दूसरे, पांचवें, नौवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में हों तो जातक के पिता बीमार होंगे और स्वयं जातक को प्रतिष्ठा की हानि का सामना करना होगा उपाय : 1. सोना पहनें, यदि जातक सोना पहनता है तो दुखी या बीमार नहीं होगा. 2. राहु से संबंधित चीजें जैसे गेहूं, जौ, नारियल आदि पानी में बहाएं. 3. श्मशान में पीपल का पेड़ लगाएं. 4. मंदिर में घी, आलू और कपूर दान करें.
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Jupiter In the Ninth House
नौवें भाव में गुरु जातक के नौवें भाव में गुरु हो तो जातक सुंदर मकान का निर्माण करवाता है. ऐसा जातक भाई-बंधुओं से स्नेह रखने वाला होता है तथा राज्य का प्रिय होता है. नौवां घर बृहस्पति से विशेष रूप से प्रभावित होता है. इसलिए इस भाव वाला जातक प्रसिद्ध है, अमीर और एक अमीर परिवार में पैदा होगा. जातक अपनी जुबान का पक्का और दीर्घायु होगा, उसके बच्चे बडे अच्छे होंगे. यदि बृहस्पति का शत्रु ग्रह पहले, पांचवें या चौथे भाव में हो तो बृहस्पति बुरे परिणाम देगा. उपाय : 1. हर रोज मंदिर जाना चाहिए और श्रद्धा भाव से भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए. 2. शराब के सेवन से सर्वदा बचना चाहिए. 3. बहते पानी में चावल बहाना अत्यंत शुभकर होना चाहिए.
Jupiter In the Tenth House
दसवें भाव में गुरु जातक दसवें भाव में हो तो जातक को भूमिपति एवं भवन प्रेमी बना देता है. ऐसे व्यक्ति चित्रकला में निपुण होते है. यह भाव शनि का घर होता है, इसलिए जातक जब खुश होगा तो शनि के गुणों को आत्मसात करेगा. यदि जातक चालाक और धूर्त होगा तभी बृहस्पति के अच्छे परिणाम का आनंद ले पाएगा. यदि सूर्य चौथे भाव में बृहस्पति बहुत अच्छा परिणाम देगा. चौथे भाव के शुक्र और मंगल जातक के कई विवाह सुनिश्चित करते हैं. यदि 2, 4 और 6 भावों में मित्र ग्रह हों तो पैसों और आर्थिक मामलों में बृहस्पति अत्यधिक लाभकारी परिणाम प्रदान करता है. उपाय : 1. कोई भी काम शुरू करने से पहले अपनी नाक साफ करें. 2. नदी के बहते पानी में 43 दिनों तक लगातार तांबे के सिक्के बहाएं. 3. धार्मिक स्थानों में बादाम बाटें. 4. घर के भीतर मंदिर बनाकर मूर्तियां स्थापित न करें. 5. माथे पर केसर का तिलक लगाएं.
Jupiter In the Eleventh House
ग्यारहवें भाव में गुरु कुंडली के ग्यारहवें भाव में गुरु हो तो जातक ऐश्वर्यवान, पिता के धन को बढ़ाने वाला, व्यापार में दक्षता लिए होता है. इस घर में बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों बुध, शुक्र और राहु से सम्बंधित चीजों और रिश्तेदारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. नतीजतन, जातक की पत्नी दुखी रहेगी. इसी तरह, बहनें, बेटियां और बुआ भी दुखी रहेंगी. बुध सही स्थिति में तो भी जातक कर्जदार होता है. जातक तभी आराम से रह पाएगा जब वह पिता, भाइयों, बहनों और मां के साथ साथ एक संयुक्त परिवार में रहे. उपाय : 1. हमेशा अपने शरीर पर सोने के आभूषण धारण करें. 2. हाथों या पैरों में तांबे का कड़ा पहनें. 3. पीपल के पेड़ की जड़ों में जल डालें.
Jupiter In the Twelveth House
बारहवें भाव में गुरु जातक की कुंडली के बारहवें भाव में गुरु हो तो ऐसा जातक आलसी, कम खर्च करने वाला, दुष्ट स्वभाव वाला होता है. जातक लोभी और लालची भी होता है. बारहवा घर बृहस्पति और राहु के संयुक्त प्रभाव में होता है जो कि एक दूसरे के शत्रु होते हैं यदि जातक अच्छा आचरण करता है. ऐसा जातक धार्मिक प्रथाओं को मानता है और सभी के लिए अच्छा चाहता है तो वह खुशहाल होगा और रात में आरामदायक नींद का आनंद ले पाएगा. जातक अमीर और शक्तिशाली होगा. शनि के दुष्कर्मों से बचाव करने पर मशीनरी, मोटर, ट्रक और कार से सम्बंधित काम फायदेमंद रहेंगे. उपाय : 1. बुरे प्रभाव से बचने के लिए किसी भी मामले में झूठी गवाही से बचें. 2. जातक को चाहिए कि वह साधुओं, गुरुओं और पीपल के पेड़ की सेवा करे. 3. रात में अपने बिस्तर के सिरहनें पानी और सौंफ रखें.
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