"बृहस्पति / Jupitor"
"गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है। यह ज्ञान और भाग्य का कारक है। ज्योतिष में इसे धन का कारक भी कहा गया है। गुरु का संबंध नौकरी या रोजगार के भाव यानी दसवें भाव से हो तो बहुत शुभ रहता है। बृहस्पति (गुरु) ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है. यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है. इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में पृथ्वी के समयानुसार 12 वर्षों का समय लगता है. किसी भी मनुष्य की कुंडली के विभिन्न भावों में गुरु का प्रभाव उस व्यक्ति के लिए अच्छा और बुरा दोनों होता है."
© Jyotishgher. All rights reserved@2020-21 | Design: Jyotishgher Team